स्वच्छ भारत मिशन प्लस ग्रामीण अभियान के सभी घटकों पर मिशन मोड में कार्य करें – संजीव कौशल

 
चंडीगढ़, 3 अगस्त-

हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन प्लस ग्रामीण अभियान की मासिक आधार पर रैंकिंग की जाएगी और सराहनीय कार्य करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा।

मुख्य सचिव आज यहां स्वच्छ भारत मिशन प्लस ग्रामीण अभियान की समीक्षा  बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक से सभी जिलों के उपायुक्त, सीईओ जिला परिषद भी वीसी के माध्यम से जुडे।

मुख्य सचिव ने कहा कि अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन प्लस ग्रामीण अभियान के सभी घटकों पर मिशन मोड में लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करें ताकि आगामी तीन माह मेें लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सके। इसके अलावा संबंधित जिलों के प्रशासनिक सचिव हर माह बैठक आयोजित कर स्वच्छ भारत मिशन प्लस ग्रामीण अभियान की विस्तार से समीक्षा करें और उसकी रिपोर्ट मुख्यालय प्रस्तुत करने के अलावा प्रशासनिक ग्रुप में डालें। इसके साथ ही व्यापक स्तर पर इस अभियान का प्रचार प्रसार करवाना भी सुनिश्चित करेंगें। उन्होंने कहा कि अक्टूबर माह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस अभियान को लेकर आयोजित बैठक में समीक्षा करेंगे। इसलिए अभियान को गति देकर राज्य को ओडीएफ प्लस बनाने की दिशा में बेहतर कार्य करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नूंह को आकांक्षी जिला घोषित किया गया है। इसलिए इस जिले में इस अभियान को विशेष गति दी जानी आवश्यक है। उन्होंने अम्बाला, रेवाड़ी, चरखी दादरी, यमुनानगर, पलवल के उपायुक्तों से बातचीत कर अभियान की सफलता के बारे में जानकारी ली।

राज्य के 4 हजार गांवों में अपशिष्ट पृथक्करण शेड बनाने का कार्य जारी

मुख्य सचिव ने कहा कि ओडीएफ प्लस ग्रामीण अभियान के तहत सभी घटकों पर विशेष ध्यान दें और गांवों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट का सही निष्पादन सुनिश्चित करें। इसके लिए राज्य के 4 हजार गावों में अपशिष्ट पृथक्करण शेड बनाने का कार्य जारी है जिसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि पानीपत, भिवानी, फरीदाबाद ने संतोषजनक कार्य किया है लेकिन उचित प्रबंधन, समयबद्ध तरीके से कार्य करने पर ही वांछित सफलता पाई जा सकती है।

मुख्य सचिव ने कहा कि तिमाही आधार पर लक्ष्य हासिल करने के लिए टीम को सक्रिय करें और उनके कार्य की हर माह निगरानी करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सोलिड एवं लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के साथ-साथ सफाई व्यवस्था पर भी पूरा फोकस रखें। इसके अलावा व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण एवं उपयोग पर भी बल दें ताकि नागरिकों को साफ एवं स्वच्छ वातावरण उपलब्ध हो सके।

मुख्य सचिव नेे कहा कि शौचालयों के मल कीचड़ प्रबंधन के लिए दूसरा गड्ढा खोदने के लिए भी 5 हजार रुपए की राशि सरकार द्वारा मुहैया करवाई जा रही है। शोचालयों के मल निष्पादन के लिए जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा 4 जिलों में सर्वे करवाया जा चुका है, शेष जिलों में भी जल्द सर्वे करवाकर इस पर कार्य किया जाएगा। इसके अलावा नहाने, कपड़े व बर्तन धोने के पानी का भी सामुदायिक तौर पर उचित निष्तारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जोहड़ एवं तालाबों में इस पानी को डालने के लिए तीन अलग-अलग गड्ढे बनाए जा रहे हैं ताकि इनमें पानी साफ होकर ही जाए।

प्रदेश में 20 से अधिक लगाए जा रहे गोवर्धन प्लांट

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के 9 जिलों में 20 से अधिक गोवर्धन प्लांट लगाए जा रहे हैं जिनमें से 6 गोबर्धन प्लांट पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन प्लांट के कार्य की मॉनिटरिंग करते हुए 6 माह में पूरा करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा हर खण्ड एवं जिला स्तर पर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कार्य किया जा रहा है। इनके हर प्लांट पर लगभग 16 लाख रुपए की लागत आएगी जिसमें 8 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से प्लास्टिक वेस्ट का निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट योजना महाग्राम में लागू की जा रही है।

बैठक  में   अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल मलिक, महानिदेशक विकास एवं पंचायत श्री डी के बेहरा, निदेशक ग्रामीण विकास श्री जयकिशन आभीर सहित जनस्वास्थ्य विभाग एवं स्वच्छ भारत मिशन अभियान से जुड़े हुए अधिकारी शामिल हुए।