पंजाब के सरकारी संस्थान में पहली बार सफल लिवर ट्रांसप्लांट, इतिहास रचापंजाब के सरकारी संस्थान में पहली बार सफल लिवर ट्रांसप्लांट, इतिहास रचा

चंडीगढ़, 9 दिसंबर। तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने मोहाली स्थित सरकारी संस्थान पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलिअरी साइंसेज में पहली बार सफल लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी कर इतिहास रच दिया है।

मंगलवार को, सफलतापूर्वक ऑपरेशन किए गए मरीज को मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करते हुए पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि यह पंजाब के चिकित्सा इतिहास में पहली बार है जब किसी सरकारी संस्थान में इतनी जटिल और संवेदनशील सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल भी उनके साथ उपस्थित थे।

डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि यह जीवनरक्षक उपचार मरीज को मात्र लगभग ₹12 लाख की लागत में उपलब्ध कराया गया, जबकि निजी अस्पतालों में इसी सर्जरी पर ₹45 से ₹50 लाख तक का खर्च आता है। यह लिवर ट्रांसप्लांट 27 नवंबर 2025 को किया गया था और मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि मरीज को एक-दो दिन में अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने संस्थान के निदेशक एवं हेपेटोलॉजी विभाग के प्रोफेसर व प्रमुख डॉ. वीरेन्द्र सिंह तथा लिवर ट्रांसप्लांट एवं हेपेटो बिलियरी सर्जरी विभाग के प्रोफेसर व प्रमुख डॉ. के. राजशेखर के नेतृत्व वाली पूरी मेडिकल टीम को बधाई देते हुए इसे संस्थान के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया।

डॉ. बलबीर सिंह ने पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ का भी विशेष आभार व्यक्त किया, जहां से हरियाणा के एक ब्रेन-डेड व्यक्ति का अंग उपलब्ध कराया गया। उन्होंने अंगदाता के परिवार को भी हृदय से धन्यवाद दिया, जिनकी इस महान पहल से कई लोगों को नया जीवन मिला है।

उन्होंने कहा कि पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड  बिलिअरी साइंसेज, पंजाब का पहला समर्पित लिवर एवं बिलिअरी साइंसेज केंद्र है, जो संपूर्ण इलाज, उन्नत चिकित्सा प्रक्रियाएं तथा 24×7 आपातकालीन एवं आईसीयू सेवाएं प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि यहां 175 बिस्तरों वाला नया मरीज देखभाल ब्लॉक भी निर्माणाधीन है, जिससे संस्थान की क्षमता में और वृद्धि होगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यहां बनाया गया नया डायग्नोस्टिक ब्लॉक अब पूरी तरह कार्यशील हो चुका है, जिसमें डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी मशीन स्थापित की गई है। नए सीटी स्कैनर की सप्लाई का ऑर्डर जारी हो चुका है, एमआरआई के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है और एक सप्ताह के भीतर नया स्वचालित बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर भी पूरी तरह चालू हो जाएगा। यहां एक अत्याधुनिक ब्लड बैंक भी स्थापित किया गया है, जो पंजाब के सबसे आधुनिक ब्लड बैंकों में से एक होगा।

उन्होंने कहा कि संस्थान हेपेटोबिलियरी विज्ञान के क्षेत्र में क्लीनिकल उत्कृष्टता, अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए एक विश्व स्तरीय केंद्र बनने की दिशा में लगातार अग्रसर है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों को द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य सुविधाओं से सुसज्जित कर रही है, जिनमें न्यूरो और कार्डियो लैब भी शामिल हैं।

उन्होंने घोषणा की कि सरकारी मेडिकल कॉलेज, पटियाला अगले वर्ष तक पंजाब का पहला सरकारी संस्थान होगा, जहां किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों को अंग प्राप्ति केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

जनता से अंगदान का आह्वान करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि वर्तमान में पंजाब देश में नौवें स्थान पर है, जहां 20,000 से अधिक पंजीकृत अंगदाता हैं, और आने वाले समय में पंजाब देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।

सभी के लिए निःशुल्क इलाज के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने ₹10 लाख तक की कैशलेस मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना को लागू करने के लिए एजेंसियों को अंतिम रूप दे दिया है और यह योजना जनवरी 2026 से पूरे राज्य में औपचारिक रूप से लागू की जाएगी।

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