पंजाब सरकार ने कॉलोनी विकास लाइसेंस के लिए नई एसओपी जारी कीपंजाब सरकार ने कॉलोनी विकास लाइसेंस के लिए नई एसओपी जारी की

चंडीगढ़, 3 नवंबर। पंजाब के आवास निर्माण और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने आज बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कॉलोनियों के विकास के लिए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया हेतु एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एस.ओ.पी.) तैयार किया है।

यह जानकारी मंत्री मुंडियां ने देते हुए बताया कि आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों में कॉलोनियां विकसित करने हेतु लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया के लिए तैयार किए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर को मुख्य तौर पर एल.ओ.आई. जारी करने (30 दिन) और लाइसेंस जारी करने (30 दिन) के दो चरणों में वितरित हुए किसी भी विकास प्राधिकरण द्वारा आवेदन प्राप्त होने की तारीख से लेकर लाइसेंस जारी करने की कुल समय सीमा 60 दिन निर्धारित की है।

उन्होंने बताया कि यह अनुभव किया जा रहा था कि विभाग द्वारा कॉलोनियों के विकास के लिए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया काफी जटिल और लंबी है, जिसके कारण विभाग के अधीन काम कर रहे विभिन्न विकास प्राधिकरणों द्वारा प्रमोटरों को लाइसेंस जारी करने में अनावश्यक देरी होती थी। इसे ध्यान में रखते हुए विभाग ने लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया संबंधी यह नई एस.ओ.पी. तैयार की है। इसके अनुसार भविष्य में प्रमोटरों को आवेदन देने के 60 दिनों के भीतर संबंधित विकास प्राधिकरण द्वारा लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा।

स. मुंडियां ने बताया कि एस.ओ.पी. के अनुसार लाइसेंस जारी करने की यह पूरी प्रक्रिया समयबद्ध कर दी गई है। अब किसी भी केस पर कार्य करने वाली हर शाखा जैसे प्लानिंग, अकाउंट, लाइसेंसिंग आदि तथा विभिन्न विभागों जैसे पी.पी.सी.बी., पी.एस.पी.सी.एल., वन विभाग, ड्रेनेज, एन.एच.ए.आई./पी.डब्ल्यू.डी. इत्यादि को केसों का निपटारा करने के लिए स्पष्ट टाइमलाइन दी गई है। प्रत्येक कर्मचारी को इस समय सीमा का पालन करना अनिवार्य होगा और अनावश्यक देरी होने पर संबंधित कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि मान सरकार ने रियल एस्टेट क्षेत्र के राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान और रोजगार सृजन में इसकी महत्ता को ध्यान में रखते हुए पहले भी कई कदम उठाए हैं। अब लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया के सरलीकरण से प्रमोटरों की परेशानी कम होगी और राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।

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