राज्य में सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए तैयार की जाएगी एक समर्पित नीति – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
चंडीगढ़, 4 सितंबर –हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार प्रदेश के अग्रणी स्टार्टअप, कॉर्पोरेट्स और शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर राज्य में एक विश्व स्तरीय इनक्यूबेटर स्थापित करेगी। इसमें स्टार्टअप्स के लिए अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। साथ ही, भारत सरकार के देश को सेमीकंडक्टर हब बनाने के विज़न के अनुरूप, हरियाणा सरकार भी राज्य में सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित नीति तैयार करेगी। इसके अतिरिक्त, हरियाणा सरकार का लक्ष्य गुरुग्राम और हरियाणा को विश्व की ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर राजधानी के रूप में विकसित करना है। इस कड़ी में सरकार ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स के लिए भी एक विशेष नीति बनाएगी।
मुख्यमंत्री वीरवार को गुरुग्राम में “स्टार्टअप्स और उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ बातचीत” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) द्वारा किया गया।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य में स्थापित किए जाने वाले विश्व स्तरीय इनक्यूबेटर (H-HUB) में समर्पित प्लग एंड प्ले कार्यस्थान, बैठक कक्ष आदि, उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग संसाधन, उभरती प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान करने के लिए नवीनतम उपकरणों के साथ समर्पित नवाचार प्रयोगशालाएं, प्रोटोटाइपिंग केंद्र आदि होंगे। इनसे राज्य के स्टार्टअप अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास गतिविधियां शुरू कर सकें। उन्होंने कहा कि हरियाणा एक नई औद्योगिक नीति तैयार करने पर काम कर रहा है। इसके साथ ही, सरकार विभिन्न क्षेत्रों के लिए नई नीतियों भी तैयार कर रही है।
*मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से किया “मेक इन हरियाणा” और “डिज़ाइन इन हरियाणा” का आह्वान*
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने “मेक इन इंडिया” और “डिज़ाइन इन इंडिया” के माध्यम से भारत को विकसित बनाने का आह्वान किया है। उसी तर्ज पर प्रदेश सरकार ने भी विकसित हरियाणा का लक्ष्य रखा है और इसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी उद्योगपतियों से “मेक इन हरियाणा” और “डिज़ाइन इन हरियाणा” का आह्वान किया।
उन्होंन कहा कि राज्य बजट 2025-26 में घोषणा की गई है कि प्रदेश में 10 नए आईएमटी विकसित किए जा रहे हैं, जो अत्याधुनिक औद्योगिक और स्टार्टअप इन्फ्रास्ट्रक्चर से युक्त होंगे। इसके लिए ई-भूमि पोर्टल पर भूमि मालिकों द्वारा स्वेच्छा से लगभग 20 हजार एकड़ भूमि की पेशकश भी की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि इन आईएमटी में उद्योग स्थापित करें, सरकार की ओर से उद्योगों को सभी प्रकार की सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलेंगी।
*हरियाणा बनेगा नवाचार का वैश्विक केंद्र, स्टार्टअप्स के माध्यम से लिखा जाएगा समृद्धि का नया अध्याय*
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार जिला स्तर एक अस्पताल को निजी अस्पतालों की तर्ज पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त कर रही है। उन्होंने उद्योगपतियों से आह्वान किया कि वे सीएसआर फंड का उपयोग, सामाजिक क्षेत्र विशेषकर स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने में करें। एक स्वस्थ समाज ही उत्पादक अर्थव्यवस्था की नींव है। यह योगदान उद्योग और समाज के बीच आपसी विश्वास को सुदृढ़ करेगा। उन्होंने कहा कि उद्योगपति अपने शुरुआती दिनों की चुनौतियों को याद करें और आज के उभरते स्टार्टअप्स को उसी आत्मीयता से सहयोग दें। उन्हें मार्गदर्शन दें और उनके लिए अवसरों के नए द्वार खोलें। इस साझेदारी से न केवल स्टार्टअप्स को लाभ होगा बल्कि उद्योगों को भी नई संभावनाएं और समाधान प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्टार्टअप्स को हरसंभव सहयोग और मंच उपलब्ध कराएगी ताकि हरियाणा नवाचार का वैश्विक केंद्र बने और स्टार्टअप्स के माध्यम से समृद्धि का नया अध्याय लिखा जा सके।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कृषि से लेकर उद्योग तक, शिक्षा से लेकर नवाचार तक, हमारा राज्य हमेशा दृढ़ता और उद्यमशीलता के साथ अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा विज़न है कि हरियाणा को संतुलित विकास का एक आदर्श राज्य बनाया जाए, जहां हर क्षेत्र योगदान दे और हर नागरिक को लाभ मिले।
उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य स्टार्टअप्स की संख्या के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर सातवें स्थान पर है। प्रदेश में 9,100 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स कार्यरत हैं। हरियाणा से अब तक 19 यूनिकॉर्न कंपनियाँ हैं। राज्य में 50 प्रतिशत स्टार्टअप्स महिला नेतृत्व वाले हैं। हरियाणा में पहले से ही फॉर्च्यून कंपनियों के कार्यालय हैं और सरकार का लक्ष्य है कि यह पहचान स्टार्टअप्स को भी मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप्स को मजबूत करने के लिए राज्य के सभी इंडस्ट्रियल एस्टेट में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे, ताकि स्थानीय स्तर पर स्टार्टअप्स को मार्गदर्शन, संसाधन और नेटवर्किंग का सहयोग मिल सके। साथ ही, गुरुग्राम और पंचकूला में अत्याधुनिक एआई (AI) हब स्थापित किए जा रहे हैं। यह मिशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित स्टार्टअप्स और अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा, जिससे राज्य तकनीकी नवाचार का केंद्र बन सके।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने भविष्य की तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और डीप-टेक को अपनाने के लिए एक समर्पित विभाग “डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर” की स्थापना की है। यह विभाग राज्य को उन्नत तकनीकी विकास की दिशा में अग्रसर करेगा।
*हरियाणा में स्थापित किया जा रहा विमेन आंत्रप्रेन्योरशिप प्लेटफॉर्म का स्टेट चैप्टर, महिला उद्यमियों को मिलेगा फायदा*
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार, नीति आयोग के साथ मिलकर विमेन आंत्रप्रेन्योरशिप प्लेटफॉर्म का एक स्टेट चैप्टर स्थापित कर रही है, जिससे महिला उद्यमियों को 200 से अधिक मेंटर्स, सेक्टर- विशेष प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता के अवसर, बाजार तक पहुँच और इनक्यूबेशन सहयोग प्राप्त होगा। इसके अलावा, राज्य में निवेश करने के लिए स्टार्टअप्स और उद्योगपतियों को सुविधा प्रदान करने के लिए, निजी भूमि स्वामित्व, जोनिंग, व्यवसाय और अन्य संबंधित मापदंडों को समयबद्ध तरीके से सत्यापित करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इकोसिस्टम निर्माण से संबंधित हरियाणा सरकार की प्रमुख पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि उद्यमिता को संस्थागत रूप देने और नीति निर्माण में समन्वय के लिए एक समर्पित आयोग की स्थापना की जा रही है। साथ ही, सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत प्रत्येक जिले में नवाचार और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। हाल ही में राज्य सरकार ने नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए 22 स्टार्टअप्स को 1.14 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। 1 करोड़ रुपये तक के पुरस्कार और माइक्रोफाइनेंस सहायता के साथ राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।
*मोदी जी की गारंटी है, जो कहा है, उसे पूरा करेंगे*
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गत दिवस ही जीएसटी परिषद् की 56वीं बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। जिनमें जीएसटी दरों को रैशनलाइज किया गया और आम नागरिक द्वारा प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं पर कर दर को घटाया गया है। इसके अलावा, खाद्य वस्तुओं, स्वास्थ्य कृषि उपकरणों और मशीनरी, उर्वरक के इनपुट, नवीकरणीय ऊर्जा, वस्त्र और सामान्य उपभोग की वस्तुओं की दरों को भी तर्कसंगत बनाया गया है। इन फैसलों से आमजन को बड़ी राहत मिलेगी और महंगाई दर में भी कमी आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को राहत प्रदान करने की बात प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कही थी और एक माह से कम समय में जीएसटी परिषद द्वारा कर दरों को कम करके और कुछ वस्तुओं पर कर जीरो करके आमजन को बड़ा लाभ दिया गया है। यही मोदी जी की गारंटी है, जो कहा है, उसे पूरा करेंगे।