राजस्थान को सेना के लिए पानी देने का फैसला राष्ट्रीय हित में - गोयलराजस्थान को सेना के लिए पानी देने का फैसला राष्ट्रीय हित में - गोयल

लहरागागा, 11 मई। पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने आज यहां कहा कि पंजाब सरकार द्वारा भारतीय सेना के लिए राजस्थान को पानी देने का फ़ैसला राष्ट्रीय हित में लिया गया है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब के लोग अपनी दयालुता और दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहने के स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बी.बी.एम.बी. मुद्दे को हल करने में कोई रचनात्मक भूमिका नहीं निभाई। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने अपने पानी के निर्धारित हिस्से का सही ढंग से उपयोग नहीं किया, इसलिए पंजाब किसी भी जबरदस्ती या दादागिरी वाले रवैये को बर्दाश्त नहीं करेगा।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि पंजाब सेना के लिए राजस्थान को पानी देने के लिए तैयार है क्योंकि यह देश और सशस्त्र सेनाओं के हित में है। हालांकि, पंजाब के किसानों के हितों से समझौता नहीं किया जाएगा।

बी.बी.एम.बी. के मुद्दे पर बात करते हुए श्री गोयल ने कहा कि इस संस्था ने हरियाणा और अन्य राज्यों का पक्ष लेने की कोशिश की है, हालांकि इसके संचालन का 60 प्रतिशत खर्च पंजाब उठा रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार अपने हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान गोयल ने पाकिस्तान में आतंकवादी कैंपों के विरुद्ध सर्जिकल स्ट्राइक के लिए भारतीय सेना की सराहना करते हुए देश की सशस्त्र सेनाओं पर गर्व प्रकट किया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार मौजूदा हालातों के दौरान अपने लोगों के साथ खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी।

इससे पहले कैबिनेट मंत्री ने लहरागागा शहर से गुजरती डिच ड्रेन, जो लंबे समय से गंदगी और खस्ताहाल थी, के विकास कार्यों का जायजा भी लिया। बताने योग्य है कि अब पर्यटन के नजरिए से इस ड्रेन का कायाकल्प किया जा रहा है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि काम मुकम्मल होने के करीब है और यह जल्द ही जनता को समर्पित कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि यह डिच ड्रेन लहरा शहर के अंदर से गुज़रती थी। इसके किनारों पर लोग बहुत ही दयनीय हालत में रहते थे। यहां तक कि लोगों के मकान भी इस ड्रेन पर बने हुए थे और उनके घरों की हालत भी खस्ता हो रही थी। आसपास गंदगी होने के साथ-साथ यहां हर समय दुर्घटना का डर भी बना रहता था। लोगों की बहुत पुरानी मांग थी कि इस ड्रेन पर ध्यान दिया जाए।

गोयल ने कहा कि अब इस ड्रेन में 4.5-4.5 फुट चौड़े 2 पाइप डाले गए हैं ताकि पानी निकलने में कोई दिक्कत न आए। उन्होंने बताया कि पहले यह 15 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट था लेकिन विभागीय ईमानदारी के कारण इसका टेंडर 12 करोड़ रुपये में हुआ है। इस तरह राज्य के लोगों का 3 करोड़ रुपये का बचाव हुआ है।

उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट का काम महीना भर पहले शुरू हुआ था, जो जल्दी ही मुकम्मल होने जा रहा है। तीन किलोमीटर लंबी और 32 फीट चौड़ी ड्रेन पर 15 फीट इंटरलॉक टाइल्स लग रही हैं। इसके आस-पास जाली लगाकर आधुनिक घास और पौधे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जहां लोग कभी गुज़रना भी पसंद नहीं करते थे, अब यह सैरगाह के तौर पर विकसित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसकी देखभाल के लिए तीन कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे।

स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने पिछले 40 सालों में इस ड्रेन पर एक भी पैसा लगता नहीं देखा और न ही कोई इसकी सुध लेने के लिए आया था लेकिन अब लोग शाम सुबह सैर करने आने लगे हैं।

कैबिनेट मंत्री ने भरोसा दिलाया कि स्लम क्षेत्र में बरसाती पानी नहीं खड़ा होने दिया जाएगा, जिसे अब इस ड्रेन में डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के योग्य नेतृत्व वाली राज्य सरकार गांवों और शहरों के विकास के लिए वचनबद्ध और प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि शहर की सुंदरता और इसके विकास के लिए किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।

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