बिना विरोध वाले इंतकालों’ की तस्दीक, नकल मुहैया करने की सेवा, आय प्रमाण पत्र जारी करने और राजस्व रिकॉर्डों की जांच के संबंध में बकाया पड़े मामले 30 अप्रैल तक निपटाए जाएंगे
चंडीगढ़, 15 अप्रैल
राजस्व विभाग में जन सेवाओं को सुचारू बनाने और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज घोषणा की कि बिना विरोध वाले इंतकालों की तस्दीक, नकल मुहैया करने की सेवा, आय प्रमाण पत्र जारी करने और राजस्व रिकॉर्डों की जांच संबंधी सभी बकाया केसों का निपटारा 30 अप्रैल 2025 तक करने सहित कई अहम कदमों का ऐलान किया।
यहां पंजाब भवन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह घोषणा करते हुए उनके साथ राजस्व मंत्री स. हरदीप सिंह मुंडियां और अतिरिक्त मुख्य सचिव-कम-राजस्व आयुक्त राजस्व श्री अनुराग वर्मा भी उपस्थित थे। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि राजस्व विभाग को पिछले एक साल में बिना विरोध वाले इंतकालों की तस्दीक संबंधी 8,42,362, नकल मुहैया करने की सेवा संबंधी 31,164, आय प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी 5,33,054, और राजस्व रिकॉर्डों की जांच संबंधी 1,73,140 आवेदन प्राप्त हुये, जिनमें से 26,658, 17,400, 4,362 और 2,123 निर्धारित समय सीमा से बाहर लंबित थीं। उन्होंने कहा कि इन सभी बकाया केसों का निपटारा 30 अप्रैल तक कर दिया जाएगा।
इस मौके पर बिना विरोध वाले इंतकालों की तस्दीक के लिए 1 मई 2025 से निर्धारित समय 45 दिन से घटाकर 30 दिन करने की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बकाया आवेदनों के समय पर निपटारे को सुनिश्चित करने के लिए डिप्टी कमिश्नर अब रोज़ाना के आधार पर बकाया पड़े केसों की निगरानी करेंगे। उन्होंने कहा कि नकल सेवा के लिए निर्धारित समय सीमा 10 दिन, आय प्रमाण पत्र के लिए 15 दिन और राजस्व रिकॉर्ड की जांच के लिए 7 दिन है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि राजस्व विभाग के संबंधित सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की निर्धारित समय सीमाओं के अनुसार सेवाएं प्रदान करने के लिए जवाबदेही तय की गई है और किसी भी प्रकार की देरी की स्थिति में उनके खिलाफ मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार की सेवाओं में देरी और भ्रष्टाचार प्रति जीरो-टोलरेंस नीति के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व विभाग की वेबसाइट www.jamabandi.punjab.gov.in. के माध्यम से नागरिकों को इंतकालों के लिए सीधे तौर पर आवेदन जमा कराने की सुविधा देने वाले ऑनलाइन मॉड्यूल के बारे में जानकारी साझा करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस डिजिटल पहुंच का उद्देश्य कार्य-प्रणाली को सरल बनाना और कार्यकुशलता और जवाबदेही को बढ़ाकर लोगों के सरकारी दफ्तरों के बेफिजूल दौरों को घटाना है। उन्होंने कहा कि इंतकाल प्राप्त करने संबंधी पहले वाली जटिल प्रक्रिया के कारण अक्सर व्यक्तियों को पटवारियों, कानूनगों और तहसीलदारों समेत कईयों तक पहुंच करनी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से न केवल बेफिजूल की परेशानी होती है बल्कि भ्रष्टाचार के लिए भी राह खुलती है। उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह नकल सेवा, आय प्रमाण पत्र जारी करने और राजस्व रिकॉर्ड की जांच जैसी सेवाएं, भले ही सेवा केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध हैं लेकिन नागरिकों को अपने आवेदन जमा कराने के लिए विभिन्न दफ्तरों जैसे कि डीसी दफ्तरों, तहसीलों और नगरपालिका कमेटियों का दौरा करने के लिए मजबूर होना पड़ता था।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार के शासन में सुधार और जन सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि करने की अटल वचनबद्धता को दोहराते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस पहल से भ्रष्टाचार को खत्म किया जाएगा, निश्चित समय सीमा में सेवाएं प्रदान की जाएंगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी दफ्तरों में जाने पर नागरिकों को बेफिजूल की परेशानी का सामना न करना पड़े।