सीएम ने दिए प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण के निर्देशसीएम ने दिए प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण के निर्देश

देहरादून, 21 मार्च। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में सिंचाई, लघु सिंचाई और ग्रामीण निर्माण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए वृहद स्तर पर कार्य करने का निर्देश दिया। 

उन्होंने कहा कि जीवन और समृद्धि का आधार जल है, इसलिए जल संचयन और जल धाराओं, गाड़-गदेरों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में निरंतर प्रयास किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने सिंचाई, लघु सिंचाई विभाग और नगर निगमों को शहरी क्षेत्र में वर्षा जल संचयन के लिए मिलकर कार्य करने की बात कही। उन्होंने ग्राउंड वाटर रिचार्ज पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कार्यों के लिए पुरानी परंपराओं को छोड़कर नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए।

सिंचाई और लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने जमरानी और सौंग बांध परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ड्रेनेज की समस्याओं के समाधान के लिए तेजी से कार्य किए जाएं और चेक डैम के निर्माण की दिशा में भी कार्य किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि सिंचाई की नहरों का अधिकतम फायदा लोगों को मिले। साथ ही राज्य के विभिन्न शहरों के ड्रेनेज प्लान के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।

उन्होंने सिंचाई विभाग और खनन विभाग को नदियों और जलाशयों में जमा सिल्ट/गाद की निकासी के लिए बैठक आयोजित कर उचित समाधान निकालने के निर्देश दिए।

बैठक में यह जानकारी दी गई कि जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को मार्च 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना में 3638 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत है, जिसमें से 678 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। सौंग बांध परियोजना पर भी कार्य गतिमान है, जिसका लक्ष्य मार्च 2030 तक पूरा करना है।

बैठक में यह भी बताया गया कि मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत 61 सड़कों पर कार्य चल रहा है।

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