देहरादून, 22 नवंबर। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में गर्म तेवर दिखाते हुए लापरवाह अफसरों को आइना दिखा दिया।
उन्होंने जल जीवन मिशन पर चल रहे कामों पर अपडेट लेते हुए सख्त रुख अपनाया। उन्होंने घरों में नलों के साथ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कहा कि अगले एक महीने के अंदर ऐसे स्थान जहां पानी न पहुंच रहा हो, वहां पानी की व्यवस्था के लिए डी.पी.आर बनाकर योजना को अंजाम तक पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री ने एक महीने के अंदर प्रदेश भर में जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए नलों के सत्यापन करने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे सभी घरों की पहचान की जाए जहां किसी भी कारण से नल लगने के बावजूद पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ऐसे स्थानों की जियो टैगिंग के साथ पानी की आपूर्ति न होने के कारणों को भी स्पष्ट कर शासन को अवगत करवाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लाभार्थियों तक पीने योग्य पानी पहुंचे। उन्होंने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, जिला अधिकारियों एवं अधिशासी अभियंताओं को भी योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीणों को जल संरक्षण के लिए कराई गई ट्रेनिंग एवं जागरूकता के संबंध में जांच के भी आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा जांच में ट्रेनिंग करवाने वाली संस्थाओं एवं उन्हें जारी धनराशि की भी जांच की जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री का पारा उस समय बढ़ गया जब प्रस्तुतिकरण दिया जा रहा था। उन्होंने पौड़ी जिले की चुनखेत योजना के कार्य में खराब गुणवत्ता पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए गैर जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित ठेकेदार पर भी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा जल जीवन मिशन के तहत होने वाले सभी कार्यों का विशेष रूप से सत्यापन करवाया जाए। यदि कहीं भी लापरवाही या खराब गुणवत्ता पाई जाती है, तो उसपर कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा राज्य में जनहित के कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर घर जल ग्राम प्रमाणीकरण भी तेजी से किया जाए। उन्होंने कहा जल जीवन मिशन में तय मानकों के अनुसार ही कार्य हो। मुख्यमंत्री ने वन भूमि के कारण बाधित कार्यों हेतु अलग से बैठक कर उनके निस्तारण के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि बैठक के पहले अधिकारी पूरा होमवर्क करके आएं। विभागाध्यक्ष हर प्रकार के आंकड़े अपने पास रखें। मुख्यमंत्री ने कहा विभाग से संबंधित हर प्रकार के आंकड़े, विश्लेषण अधिकारियों के पास होने चाहिए।