होशियारपुर, 5 सितंबर। पंजाब में पंजाबी भाषा को और सशक्त करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में पंजाबी शिक्षकों के रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने की घोषणा की है।
शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह के दौरान सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबी भाषा को प्रोत्साहित करना समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हर पंजाबी की मातृभाषा को सशक्त बनाना राज्य सरकार का प्राथमिक और प्रमुख कर्तव्य है, और इसमें कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने छात्रों को पंजाबी भाषा को सही ढंग से बोलने और लिखने के लिए प्रेरित किया ताकि वे अपनी गौरवशाली विरासत से जुड़े रह सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की प्रतिबद्धता के तहत, राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आने वाले दिनों में कैंपस मैनेजर, सफाई कर्मचारी, चौकीदार समेत कई अन्य पदों पर भी भर्तियां की जाएंगी।
मान ने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली बार राज्य भर के सरकारी स्कूलों में बड़े पैमाने पर माता-पिता-शिक्षक बैठक (पी.टी.एम.) आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि इसमें 20 लाख माता-पिता ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अनूठी पहल से छात्रों को काफी लाभ मिलेगा। भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि यह पहल भविष्य में छात्रों को सही दिशा में ले जाकर उनके भविष्य को संवारने में सहायक होगी।
शिक्षकों से भावुकतापूर्ण संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर शिक्षक की समस्या का समाधान किया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकार पहले ही हर संभव प्रयास कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह शिक्षकों की हर समस्या के समाधान के लिए हमेशा उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक का बेटा होने के नाते, वह शिक्षकों की समस्याओं को अच्छी तरह समझते हैं और उनका समाधान करना उनका कर्तव्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी खजाना जनता का है और समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए हर पैसा समझदारी से खर्च किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब में शिक्षा प्रणाली में बड़े सुधारों पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्कूल प्रिंसिपल और शिक्षकों के बैच को देश-विदेश की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में प्रशिक्षण के लिए भेज रही है ताकि वे अपने कौशल को और बेहतर बनाकर बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए बेहतर ढंग से काम कर सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में प्रचलित उन्नत प्रथाओं को जानकर उन्हें पंजाब के स्कूलों में लागू कर सकें।
सीएम मान ने कहा कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूलों को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूल ऑफ एमिनेंस राज्य की जनता की तकदीर बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसका परिणाम सबके सामने है, क्योंकि सरकारी स्कूलों के 158 छात्रों ने पहली बार जे.ई.ई. परीक्षा पास की है। उन्होंने कहा कि यह तो केवल शुरुआत है, आने वाले समय में ऐसे और भी परिणाम सामने आएंगे, जिसके लिए उनकी सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़ी खुशी और संतोष की बात है कि इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं और युवा राज्य की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में सक्रिय भागीदार बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक रिकॉर्ड है कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के दाखिलों की संख्या में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार की जनपक्षीय नीतियों के चलते, राज्य में युवाओं के विदेश जाने की प्रवृत्ति को बदल रही है। इस शुभ अवसर पर शिक्षकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस उनके लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि वे शिक्षक समुदाय का दिल से सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा कि माता-पिता के बाद शिक्षक छात्रों को सही दिशा देकर उनके भाग्य को लिखने योग्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शिक्षकों द्वारा निभाई जा रही इस महत्वपूर्ण भूमिका के कारण ही उन्हें ‘देश के निर्माता’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पंजाब को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए शिक्षक मिशनरी भावना के साथ विद्यार्थियों की सेवा करते रहेंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले 77 शिक्षकों को सम्मानित भी किया।