चंडीगढ़, 5 सितंबर। किसानों की भलाई सुनिश्चित करने और अनाज उत्पादन में वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने वीरवार को राज्य के लिए नई कृषि नीति तैयार करने को मंजूरी दे दी।
यह निर्णय मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास पर आयोजित कैबिनेट बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान में पारंपरिक खेती संकट के कगार पर है और अनाज उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए नई कृषि नीति की आवश्यकता है। आने वाली पीढ़ियों के लिए भूजल को बचाने और कृषि को लाभदायक व्यवसाय बनाने के लिए भी नई कृषि नीति आवश्यक है। बैठक में यह तय किया गया कि नई कृषि नीति तैयार करने के लिए सभी प्रमुख हितधारकों की राय ली जाएगी।
कैबिनेट ने कौशल और तकनीकी आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य में नई शिक्षा नीति लागू करने पर भी सहमति व्यक्त की। इससे राज्य के युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर पैदा होंगे और वे पंजाब की सामाजिक-आर्थिक प्रगति का अभिन्न हिस्सा बनेंगे। इस नीति से राज्य में शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा, जिससे युवाओं को बड़े पैमाने पर लाभ होगा।
कैबिनेट ने पंजाब के अधिक से अधिक व्यापारियों को लाभ देने के लिए वेट के लंबित मामलों के निपटारे हेतु ओ.टी.एस.-3 का दायरा बढ़ाने पर सहमति जताई। पूरी तरह नाकाम रही पिछली योजनाओं के मुकाबले वर्तमान योजना से व्यापारियों को अधिक लाभ हुआ है, जिससे इस ओ.टी.एस. के माध्यम से राज्य सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 164 करोड़ रुपये अधिक अर्जित किए। इस योजना का दायरा बढ़ाने के लिए आधिकारिक आदेश जल्द जारी किए जाएंगे।
सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए मंत्री मंडल ने डीजल पर वैट की दर 12 प्रतिशत + 10 प्रतिशत सरचार्ज या 10.02 रुपए प्रति लीटर (सरचार्ज सहित) से बढ़ाकर 13.09 प्रतिशत + 10 प्रतिशत सरचार्ज या 10.94 रुपए प्रति लीटर (सरचार्ज सहित) जो भी अधिक हो, कर दिया है, पेट्रोल पर वेट 15.74 प्रतिशत + 10 प्रतिशत सरचार्ज या 14.32 रुपए प्रति लीटर (सरचार्ज सहित) से बढ़ाकर 16.52 प्रतिशत + 10 प्रतिशत सरचार्ज या 14.88 रुपए प्रति लीटर (सरचार्ज सहित) जो भी अधिक हो, कर दिया गया है, । इसके परिणामस्वरूप, डीजल पर वैट 92 पैसे प्रति लीटर और पेट्रोल पर 61 पैसे प्रति लीटर बढ़ेगा। राज्य सरकार ने 7 किलोवाट से अधिक लोड वाले बिजली उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी को समाप्त करने का भी निर्णय लिया। इससे राज्य के राजस्व में 2400 से 3000 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी।
परिवहन वाहनों और थ्री-व्हीलर (यात्री, ऑटो-रिक्शा) मालिकों को राहत देते हुए, पंजाब मंत्रिमंडल ने तिमाही के बाद टैक्स भुगतान की प्रक्रिया समाप्त करने पर सहमति दी, जिससे मालिकों की अनावश्यक परेशानियां कम होंगी। अब इन पुराने वाणिज्यिक वाहनों के मालिक अपने वाहनों के लिए वार्षिक एकमुश्त टैक्स जमा कर सकेंगे, जिससे उनके पैसे, समय और ऊर्जा की बचत होगी। ऐसे नए वाहन खरीदने वालों को अब चार या आठ वर्षों के लिए एकमुश्त टैक्स भरने का विकल्प मिलेगा, जिस पर उन्हें क्रमशः 10 प्रतिशत और 20 प्रतिशत की छूट मिलेगी।