चंडीगढ़, 29 अगस्त। गांवों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने गुरुवार को पंजाब पंचायत चुनाव नियम, 1994 के नियम 12 में संशोधन को मंजूरी दे दी। इससे अब उम्मीदवार पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह पर नहीं लड़ सकेंगे।
इस संबंधी निर्णय पंजाब सिविल सचिवालय-1 में मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट का तर्क था कि पार्टियों के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने से अप्रिय घटनाएं होती हैं। इससे पंचायतों में राजनीतिक गुटबाजी बढ़ती है, जिससे फंड व ग्रांटे बिना प्रयोग के रह जाती है। राजनीतिक गुटबाजी से पंचायतों में विवाद उत्पन्न होते हैं, जिससे कोरम अधूरा रह जाता है और ग्रांट बिना प्रयोग के चली जाती है।
पंचायत सदस्यों की राजनीतिक ध्रुवीकरण के कारण गांवों में चुनाव के दौरान विभिन्न राजनीतिक गुटों के बीच हिंसक झड़प भी हो जाती हैं, जिससे कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है और ग्रामीण समाज की सामाजिक संरचना पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
नौजवानों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने और प्रशासनिक कार्यक्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से पंजाब कैबिनेट ने आज पंजाब सिविल सर्विसेज (कार्यकारी शाखा) कैडर की मौजूदा क्षमता 310 से बढ़ाकर 369 पद करने की सहमति दी।
यह निर्णय नए जिलों और नए उप-मंडलों के गठन और प्रशासनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उल्लेखनीय है कि यह समीक्षा आठ साल बाद की गई है और इसके साथ ही पंजाब सिविल सचिवालय में संयुक्त सचिव, मुख्यमंत्री के फील्ड अधिकारियों (पहले ए.सी. शिकायतें), उप-मंडल मजिस्ट्रेट, ई.एम.-कम-प्रोटोकॉल अधिकारी, ए.डी.सी. (यू.डी.), निदेशकों, फील्ड में मिशन निदेशकों और अन्य पदों की संख्या बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
पृथ्वी के नीचे पानी के स्तर को बढ़ाने के लिए कैबिनेट ने गांव चंदो में घग्गर दरिया के साथ छप्पड़ों के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है। इन छप्पड़ों को बाढ़ के दौरान घग्गर दरिया के पानी से भरा जा सकेगा और सामान्य दिनों में इस पानी का तार्किक उपयोग किया जा सकेगा। इससे भूजल स्तर में वृद्धि होगी और आसपास के किसानों को सिंचाई की जरूरतों के लिए पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
कैबिनेट ने सत्र डिवीजन, मलेरकोटला की स्थापना की भी मंजूरी दे दी है, जिससे सत्र डिवीजन, मलेरकोटला के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद समेत 36 नए पद सृजित किए जाएंगे। इससे मलेरकोटला के निवासियों को अपने जिले में ही न्याय प्राप्त करना सुनिश्चित होगा। इससे आम आदमी के कीमती समय, पैसे और ऊर्जा की बचत होगी और उन्हें इस उद्देश्य के लिए अन्य जिलों की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।
मानवीय सरोकारों को ध्यान में रखते हुए लिए गए फैसले में, पंजाब कैबिनेट ने ड्यूटी के दौरान मारे गए डी.एस.पी. की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले के तहत, दिवंगत डी.एस.पी. संदीप सिंह की पत्नी रुपिंदर कौर को अनुकंपा के आधार पर नायब तहसीलदार नियुक्त किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पी.पी.एस. अधिकारी संदीप सिंह की चुनाव ड्यूटी करते हुए 5 और 6 अप्रैल 2024 की मध्यरात्रि को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।
करदाताओं को सुविधा देने और कर अनुपालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कैबिनेट ने इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटरों और क्रेडिट के वितरण को परिभाषित करने के लिए ‘पंजाब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स अधिनियम, 2017’ में संशोधन की मंजूरी दे दी। इस फैसले से मानव उपभोग के लिए अल्कोहल लिकर के उत्पादन में अतिरिक्त नेचुरल अल्कोहल का उपयोग राज्य जी.एस.टी. के दायरे से बाहर हो जाएगा। इसके अलावा तलब किए गए व्यक्ति के स्थान पर उसका कोई अधिकृत प्रतिनिधि सक्षम प्राधिकारी के समक्ष पेश हो सकेगा और वित्तीय वर्ष 2024-25 की मांगों के समक्ष डिमांड नोटिस और आदेश जारी करने के लिए समय सीमा घटाकर 42 महीने हो जाएगी।
इसका उद्देश्य अपील अथॉरिटी के सामने अपील दर्ज करने के लिए अग्रिम राशि के अधिकतम सीमा को 25 करोड़ से कम कर 20 करोड़ रुपए करना है ताकि वित्तिय वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2019-20 के लिए इस अधिनियम की धारा 73 के अंतर्गत जारी डिमांड नोटिसों के कारण लगे जुर्माने व ब्याज की शर्त सहित माफी मिल सके। इससे पी.जी.एस.टी अधिनियम की धारा 168ए पिछले समय 31 मार्च 2020 से प्रभावी बनेगी।
मंत्रिमंडल ने पंजाब की जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे तीन कैदियों की अग्रिम रिहाई को भी मंजूरी दे दी है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 163 के तहत कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह विशेष रिहाई के मामले अब भारतीय संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत विचार के लिए पंजाब के राज्यपाल को भेजे जाएंगे।
कैबिनेट ने हाउस सर्जनों/हाउस फिजीशियनों की सेवाओं को बढ़ाने के संबंध में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की नीति में एक वर्ष की वृद्धि की है। इसका उद्देश्य राज्य के निवासियों को गुणवत्तापूर्ण और सुचारू स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है।
कैबिनेट ने राज्यपाल की सिफारिश पर कंट्रोलर व ऑडिटर जनरल, भारत सरकार की ऑडिट रिपोर्ट को पंजाब विधानसभा के आगामी सत्र के दौरान सदन में पेश करने के लिए हरी झंडी दे दी है।