शिमला, 7 जून। हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में 14 जून को होने जा रही आठवीं मॉकड्रिल को लेकर आज राज्य आपदा प्रबंधन के निदेशक व विशेष सचिव डी.सी. राणा की अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम से बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि व सभी जिलों के उपायुक्त शामिल हुए।
प्रदेश भर के सभी जिलों में 12 जून को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा टेबल टॉप अभ्यास किया जाएगा। टेबल टॉप अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपदा की स्थिति में जमीनी स्तर पर की गई तैयारियों का मूल्याकंन करना है। 14 जून को बाढ़, भू-स्खलन, हिम-स्खलन और औद्योगिक आपदा से निपटने के लिए सभी जिलों में मॉकड्रिल की जाएगी, जिसमें विशेषकर स्कूलों, महाविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में आपदा में फंसे छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर अभ्यास किया जाएगा।
डी.सी. राणा ने कहा कि मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य जीवन और संपत्ति के नुकसान को कम करना और आपदा से निपटने के लिए सभी विभागों के प्रतिनिधियों, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, केन्द्रीय सशस्त्र बलों, पुलिस, होमगार्ड आदि में समन्वय स्थापित करना है।
उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल के दौरान शैक्षणिक संस्थानों में राहत कैंप न बनाए जाए जिससे कि शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि नदियों, झीलों और ग्लेशियर के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को समय से पहले ही मॉकड्रिल को लेकर की जा रही तैयारी की जानकारी दी जाए ताकि मौके पर अभ्यास के दौरान लोगों में भय का माहौल न उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल के लिए गैर सरकारी संगठनों के साथ भी समन्वय स्थापित कर कार्य योजना बनाई जाए।
उन्होंने औद्योगिक क्षेत्रों में भी बेहद संवेदनशील स्थानों को चिन्हित करने के निर्देश दिए। ऐसे स्थानों में त्रासदी से पूर्व घटना के संबंध में जानकारी मिले इसके लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। खतरनाक झीलों के किनारे रह रही आबादी के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करने पर भी बल दिया जाए। आपात स्थिति में किसी भी त्रासदी की जानकारी मिलने पर मौके पर जमीनी स्तर पर अपनी कार्य योजना को भी लागू करने के लिए विकल्प रखें। उन्होंने कहा कि इस मॉक ड्रिल में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन का त्रिस्तरीय समन्वय होगा। डी.सी. राणा ने बताया कि इस बार मॉकड्रिल में संचार सुविधा बाधित हो जाने की स्थिति में लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास भी किया जाएगा।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का विशेष तौर पर नेतृत्व कर रहे सेवानिवृत्त मेजर जनरल सुधीर बहल ने आपदा से निपटने के लिए विशेष योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।