चंडीगढ़, 31 मई। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने स्वच्छता पखवाड़ा के तहत कई गतिविधियों का सफलतापूर्वक आयोजन किया।
इस पहल का उद्देश्य बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान और सफाई अभियान के माध्यम से सभी बीबीएमबी परियोजना स्टेशनों, कार्यालयों, आवासीय परिसरों और विश्राम गृहों में सफाई और स्वच्छता को बढ़ावा देना था। इस दौरान विभिन्न बाजारों, धार्मिक स्थलों पर स्वच्छता के अभियान चलाए गए तथा इन्हीं प्रयासों से व्यापक जनमानस को इससे जोड़ा गया।
स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख गतिविधियों में ज्ञानवर्धक व्याख्यान, सेमिनार और प्रतियोगिताएं शामिल थीं। इसके अतिरिक्त, नंगल में एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया, जिसमें बीबीएमबी कर्मचारियों, बीबीएमबी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ और स्कूली छात्रों ने सामूहिक रूप से स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाई।
इस वर्ष, बीबीएमबी ने अपने स्वच्छता अभियान में कई नई पहल की हैं। एनजीओ प्रतिज्ञा के सहयोग से, बीबीएमबी के ब्यास बांध प्रशासन ने एक सोच प्लास्टिक परिवर्तन की ओर पहल शुरू की। इस परियोजना का उद्देश्य तलवाड़ा के 18 विभिन्न स्कूलों के छात्रों की मदद से 51 हजार इको-ब्रिक्स बनाना है। इस पहल का उद्देश्य युवा पीढ़ी को प्लास्टिक अप साइकिलिंग के बारे में शिक्षित करना और उन्हें शून्य-अपशिष्ट ईंटें बनाने के लिए प्रेरित करना है, जिनका उपयोग तलवाड़ा में एक इको-फ्रेंडली पार्क बनाने के लिए किया जाएगा।
बीबीएमबी चंडीगढ़ नेजल संरक्षण के प्रयास में, अपने कार्यालयों में सभी पानी के नलों पर वाटर एरेटर लगाए। इसके अतिरिक्त बीबीएमबी ने चंडीगढ़ नगर निगम के सहयोग से प्लास्टिक क्रशर मशीनों को स्थापित करअपने कर्मचारियों और आम जनता को बेकार प्लास्टिक की बोतलों का निपटान करने के लिए प्रेरित किया। स्वच्छता और स्थिरता को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए बीबीएमबी ने अंतर्राष्ट्रीय मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर भास्कर कॉलोनी की महिलाओं को पर्यावरण के अनुकूल पुन: प्रयोग किए जाने वाले सैनिटरी नैपकिन वितरित किए।
स्वच्छता पखवाड़ा में बीबीएमबी के कर्मचारियों और आम जनता ने भाग लिया। बीबीएमबी के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी इस आयोजन को दैनिक जीवन में स्वच्छता के महत्व को बल देने वाला एक जागरूकता कार्यक्रम बताया। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान सीखे गए अभ्यासों को बीबीएमबी की दैनिक गतिविधियों में शामिल किया जाएगा, जिससे समाज और राष्ट्र के लाभ के लिए ऐसी पहलों की निरंतरता सुनिश्चित होगी।