नई दिल्ली, 24 मई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में चल रही चार धाम यात्रा पर अपनी पैनी निगाह लगा दी है। उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि यात्रा से जुड़े अफसर अपनी जिम्मेदारियां ईमानदारी से निभाएं अन्यथा लापरवाही बरतने वालों पर सीधी कार्रवाई होगी।
धामी शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा की समीक्षा कर रहे थे। बैठक के दौरान उन्होंने यात्रा की निरंतर मॉनिटरिंग के लिए एसीएस आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में कमेटी गठन के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कहा कि चार धाम यात्रा मार्गों पर सिस्टम को दुरुस्त रखने के लिए अफसर फील्ड में मुस्तैद रहें।
उन्होने कहा यदि श्रद्धालु बिना रजिस्ट्रेशन के धामों में पहुंचते हैं तो इसके लिए अब संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिरों में सभी श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए एक समान समय मिले। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन एवं दर्शन व्यवस्था में वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने ऋषिकेश, हरिद्वार एवं अन्य ठहराव वाले स्थानों से केदारनाथ, बद्रीनाथ के लिए जा रही गाड़ियों को अलग -अलग समय में छोड़े जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा आवश्यकता हो तो बीकेटीसी से समन्वय कर मंदिरों में दर्शन का समय अवधि भी बढ़ाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में आगामी मानसून सीजन को लेकर भी सभी तैयारियां समय रहते पूर्ण की जाए। बरसात के दौरान चारधाम यात्रा में होने वाली परेशानियों से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखी जाए। उन्होंने कहा श्रद्धालुओं के लिए तय किए गए ठहराव वाले स्थान पर नियमित सफाई पेयजल एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की पूर्ण व्यवस्था की जाए। आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की जाए। उन्होंने कहा यात्रा को चलाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, दिलीप जावलकर, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी अमित सिन्हा, ए.पी अंशुमान, आईजी के.एस नगन्याल, अपर सचिव पर्यटन युगल किशोर पंत, विभिन्न जिलों के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।