नीरथ (कुल्लू), 7 मई। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज कुल्लू जिले के नीरथ में लूहरी जल विद्युत परियोजना के प्रभावितों के साथ मुलाकात की और उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं एक आम परिवार से आते हैं, इसलिए आम आदमी के दुख दर्द से भली भांति से परिचित हैं। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने जल विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल प्रदेश के हितों को गिरवी रखा जिसके कारण हिमाचल प्रदेश को कोई लाभ नहीं मिल रहा है जबकि बड़ी बड़ी कंपनियां हिमाचल प्रदेश के संसाधनों का उपयोग कर चांदी कूट रहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसजेवीएनएल कंपनी के साथ लूहरी और सुन्नी जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने का मामला उठाया गया है। इस संबंध में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से भी बात की गई है और कानूनी लड़ाई भी लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश की सम्पदा को लूटने नहीं देंगे और अगर कम्पनी ने हिमाचल की हिस्सेदारी नहीं बढ़ाई तो सुन्नी और लूहरी जल विद्युत परियोजनाओं को टेकओवर किया जाएगा।
सुक्खू ने कहा कि जल विद्युत परियोजना के प्रभावितों के हितों को सुरक्षित रखा जाएगा और उनकी मांगों पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आम आदमी की सरकार है और पहले दिन से ही गरीब और गांव की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों के चलते ही हिमाचल प्रदेश के राजस्व में 2200 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए दूध के दाम में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई है तथा गाय के दूध को 45 रुपये और भैंस के दूध को 55 रुपये प्रति किलो खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ाकर 300 रुपये और दिहाड़ीदारों की न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 400 रुपये किया गया है।
उन्होंने कहा कि विधवाओं और एकल नारियों के बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार उठा रही है और उन्हें घर बनाने के लिए तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के इलाज का पूरा खर्च भी सरकार वहन कर रही है। इस अवसर पर मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह और पूर्व विधायक राकेश सिंघा भी मौजूद रहे।