देहरादून, 28 अप्रैल। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एनएचपीसी, बनबसा में उत्तर भारत के प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक ली।
मुख्यमंत्री ने मां पूर्णागिरी मेले के संबंध में विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम, सुरक्षित हो। श्रद्धालुओं को यात्रा एवं पैदल मार्ग पर किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा सभी के सहभागिता से पूर्णागिरी मेले को नया स्वरूप देना है। हमारा संकल्प है कि पूर्णागिरी मेले से श्रद्धालु अच्छा अनुभव लेकर जाए।
मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत द्वारा मेले के तहत मुंडन के संबंध में लिए जाने वाली धनराशि पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुंडन हेतु कम से कम शुल्क लिए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा शासन प्रशासन का ध्येय लोगों को सहूलियत पहुंचाना है। उन्होंने कहा मुंडन हेतु ली जाने वाली धनराशि के कम होने से श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने बनबसा कैनाल क्षेत्र में 1 हज़ार लोगों के लिए रैन बसेरे की व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा स्थानीय लोगों, मंदिर समिति एवं प्रशासन के सहयोग से शारदा एवं बूम घाट में नियमित रूप से भव्य शारदा आरती का आयोजन हो। उन्होंने कहा श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक इस आरती से जोड़ा जाए एवं आरती हेतु जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री ने शारदा कॉरिडोर ( शारदा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट) के विकास कार्य बारे में भी जानकारी लेते हुए कहा कि शारदा कॉरिडोर का भव्य निर्माण हो, इसके लिए यू.आई.डी.बी को जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा क्षेत्र का विकास दीर्घ कालीन विजन के साथ किया जाए। हमें वर्तमान के साथ भविष्य के विकास को भी ध्यान के रखना है। उन्होंने कहा सभी विभाग, पूर्णागिरि मेला क्षेत्र में अस्थाई व्यवस्था की जगह स्थाई व्यवस्था पर अधिक प्राथमिकता दे। साथ ही सभी ओनरशिप लेकर कार्य करें। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को मेले हेतु पुनः मैनपावर का आकलन करने के निर्देश दिए।
धामी ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा अनुसार पैदल मार्गो पर स्वास्थ शिविरों, डॉक्टरों की तैनाती, आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था की जाएं। उन्होंने कहा यात्रा मार्ग पर पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था हो। इसके साथ ही पूर्णगिरी क्षेत्र हेतु अतिरिक्त पेयजल योजना बनाई जाए। उन्होने कहा पूर्णागिरी एवं टनकपुर क्षेत्र में जन सहभागिता से विशेष स्वच्छता कार्यक्रम चलाए जाए। मार्ग पर बने शौचालयों में भी स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा पूर्णागिरी क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को सुगम संचालन हो। आने वाले श्रद्धालुओं हेतु पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था हो। साथ ही मार्ग पर पुलिस की अस्थाई चौकी एवं खोया पाया केंद्र की व्यवस्था हो। उन्होंने संपूर्ण यात्रा मार्ग पर हाई मास्क लाइट, सौर ऊर्जा लाइट, स्ट्रीट लाइट लगाए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्णागिरि मेले में आने वाले श्रद्धालु अधिक से अधिक दिनों तक क्षेत्र में रुके एवं आस पास के पर्यटक स्थलों का दीदार करें, इसके लिए योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा मेले में स्थानीय उत्पादों की उपलब्धता हो इसके लिए स्थानीय उत्पादों के स्टॉल खोले जाए। साथ ही प्लास्टिक फ्री पूर्णागिरी यात्रा पर भी कार्य हो। मुख्यमंत्री ने पूर्णागिरि मेले में स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़े जाने, मेले में आने वाले श्रद्धालुओं हेतु पर्यटन स्पॉट का विकास, बच्चों हेतु पार्क एवं मेले के साथ ही साहसिक खेलों को भी आगे बढ़ाने की बात कही।
उन्होंने पूर्णागिरि मंदिर हेतु पूर्व में की गई घोषणाओं के अंतर्गत कराए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि संचार व्यवस्था हेतु स्वीकृति दो मोबाइल टावरों को शीघ्र लगाया जाए। संपूर्ण पूर्णागिरी मंदिर, पैदल मार्ग , गाड़ी मार्ग में संचार व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बांटना गाढ पुल निर्माण कार्य, पूर्णागिरी मुख्य मंदिर से काली मंदिर तक वैकल्पिक पैदल मार्ग, एवं रोपवे निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थाई मेला कार्यालय, सामुदायिक भवन का व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए।
इस दौरान अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, दर्जा राज्यमंत्री डॉ. अनिल डब्बू, जिला अध्यक्ष भाजपा निर्मल माहरा, पूर्णागिरी मंदिर समिति अध्यक्ष किशन तिवारी, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, डीएफओ आरसी कांडपाल, अपर जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा, सीडीओ संजय सिंह, जीएम एनएचपीसी राजिल व्यास एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।