स्पैशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने पीईटीसी वरुण रूजम के साथ डीसीज़ और सीपीज़/एसएसपीज़ की राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की
चंडीगढ़, 26 मार्च:
आगामी आम चुनाव 2024 को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से पूरा करने के लिए स्पैशल डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (स्पैशल डीजीपी) कानून और व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने आज सभी पुलिस अधिकारियों को आबकारी और कराधान विभाग के साथ मिलकर टीम के रूप में काम करने के निर्देश दिए, जिससे शराब तस्करी पर पैनी नजऱ रखी जा सके।
आज यहाँ पंजाब पुलिस हैडक्वाटर में स्पैशल डीजीपी पंजाब ने आबकारी और कराधान कमिश्नर (पीईटीसी) वरुण रूज़म के साथ आबकारी और कराधान विभाग के सीनियर अधिकारियों और राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नरों और सीपीज़/एसएसपीज़ के साथ वर्चुअल रूप से राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसके अलावा पंजाब वित्त कमिश्नर, कराधान विकास प्रताप वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा मीटिंग में शामिल हुए।
जि़क्रयोग्य है कि नशे और शराब की तस्करी पर कड़ी नजऱ रखने के लिए पंजाब पुलिस ने पहले ही राज्य के 10 सरहदी जिलों, जिनकी सरहदें चार राज्यों और यू.टी. चंडीगढ़ के साथ लगती हैं, के सभी सीलिंग प्वइंट्स पर बेहतर तालमेल वाले मज़बूत अंतर-राज्यीय नाके लगाए हैं। इन 10 अंतर-राज्यीय सरहदी जिलों में पठानकोट, श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, रोपड़, एसएएस नगर, पटियाला, संगरूर, मानसा, होशियारपुर और बठिंडा शामिल हैं।
स्पैशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने सभी सीपीज़/एसएसपीज़ को स्टैटिक या मोबाइल नाकों पर वाहनों की चैकिंग के दौरान आबकारी अधिकारियों को साथ ले जाने की हिदायत की, जिससे ग़ैर-कानूनी या नकली शराब बेचने/तस्करी करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही को सुनिश्चित बनाया जा सके।
उन्होंने अधिकारियों को गाँवों ख़ासकर मंड क्षेत्र जो लाहन (शराब बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कच्चा माल) बनाने के लिए बदनाम हैं, में चैकिंग तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को शराब तस्करों/असामाजिक तत्वों, जो आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं या जिनके विरुद्ध गंभीर अपराधों के अधीन आपराधिक मामले दर्ज हैं, के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए भी कहा।
जि़क्रयोग्य है कि पीईटीसी वरुण रूज़म ने अधिकारियों को खंडहर इमारतों, मैरिज पैलेसों, गोदामों और अन्य संदिग्ध स्थानों, जहाँ शराब स्टोर की जा सकती है, पर चौकसी रखने के लिए कहा। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को एल-17ए लाइसंसधारकों के रिकॉर्ड की गहराई से जांच करने का भी सुझाव दिया।