अग्रोहा पुरातात्विक स्थल पर ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार सर्वे आरंभअग्रोहा पुरातात्विक स्थल पर ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार सर्वे आरंभ

चंडीगढ़, 11 मार्च। हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने सोमवार को हिसार के अग्रोहा पुरातात्विक स्थल पर ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षण कार्य का शुभारंभ किया।


हाल ही में अग्रोहा पुरातात्विक स्थल को विकसित के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और हरियाणा पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के बीच समझौता हुआ था, जिसके उपरांत आज से सर्वेक्षण कार्य आरंभ कर दिया गया है।


सर्वेक्षण पूर्ण होने बाद आगामी कार्यवाही की जाएगी। अग्रोहा पुरातात्विक स्थल पर आखिरी बार वर्ष 1978 से 1981 के बीच में उत्खनन का कार्य किया गया था। अभी तक यहां हुए अध्ययन में अग्रोहा पुरातात्विक स्थल पर टीले के नीचे प्राचीन सभ्यता के होने के प्रमाण मिले हैं।


विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि अग्रोहा को ग्लोबल सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में यह अहम कदम है, जिसके लिए अग्रवाल समाज मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभारी है। जिन्होंने यहां सर्वेक्षण करवाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलकर अग्रवाल समाज ने अग्रोहा के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए इस टीले की खुदाई करवाए जाने का प्रस्ताव रखा था जिसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सहर्ष स्वीकार करते हुए आगामी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।


उन्होंने कहा कि अग्रोहा तेजी से विकसित हो रहा है और सांस्कृतिक व आस्था का केंद्र बन चुका है। हजारों की संख्या में देश-विदेश के श्रद्धालु अपनी मातृभूमि के दर्शनार्थ यहां पहुंचते हैं। अग्रोहा को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत विश्व स्तर के पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। अग्रोहा के टीले की खुदाई से भी हमें अपने वैभवशाली इतिहास की जानकारी प्राप्त होगी।


इस अवसर पर शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने कहा कि अग्रोहा के 25 किलोमीटर के दायरे में एक ग्लोबल सिटी के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की गई है। अग्रोहा ग्लोबल सिटी कनेक्टिविटी के हिसाब से बेहद महत्वपूर्ण लोकेशन है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनेगी। पुरातत्व तथा धार्मिक महत्व और हड़प्पा संस्कृति से जुड़े होने के चलते यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि इंडस सरस्वती साईट्स के अलावा राखीगढ़ी, बनावाली, भिरडाना, कुनाल, हिसार के साथ-साथ अग्रोहा भी पर्यटन के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े सर्किट में से एक होगा।


उन्होंने कहा कि इतिहासकारों की मान्यता के अनुसार आज से लगभग पांच हजार वर्ष अग्रोहा पूर्व समाजवाद के प्रवर्तक महाराजा अग्रसेन की परम वैभवशाली राजधानी रही है। जो कालांतर में प्राकृतिक कारणों से टीले के रूप में परिवर्तित हो गई। उन्होंने कहा है कि इस ऐतिहासिक टीले के गर्भ में भारत के गौरवशाली इतिहास के रहस्य छिपे हैं। डॉ गुप्ता ने कहा कि 1888-89 मे ब्रिटिश काल मे टीले के उत्खनन का काम पहली बार शुरू किया गया था। इसके उपरांत सन 1938 में यहां दूसरी बार तथा तीसरी बार 1978-79 में यहां उत्खनन का कार्य किया गया, जो लगभग 3 वर्ष तक चला।


उन्होंने कहा कि ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार एक भू-भौतिकीय विधि है, इससे जमीन की सतह के नीचे पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है। इसकी खुदाई के पश्चात यहां एक विशाल संग्रहालय बनाया जाएगा जो कि पर्यटन की दृष्टि से ऐतिहासिक स्थल होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हिसार हवाई अड्डे का नामकरण महाराजा अग्रसेन के नाम पर करके समाज को एक बड़ा तोहफा दिया है। जल्द ही यहां महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।


गौरतलब है कि अग्रोहा को ग्लोबल सिटी विकसित करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अग्रोहा विकास परियोजना का गठन किया गया है। इस विकास परियोजना के चेयरमैन विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता, को-चेयरमैन हरियाणा विरासत एवं पर्यटन मंत्री श्री कंवर पाल गुर्जर व शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता बनाए गए है। विरासत एवं पर्यटन विभाग के प्रशासनिक सचिव और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव इसके वाईस चेयरमैन व पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक परियोजना के सदस्य सचिव हैं। हिसार के उपायुक्त प्रदीप दहिया परियोजना के कोषाध्यक्ष तथा वित्त, टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रशासनिक सचिवों को इसका सदस्य बनाया गया है।


इस अवसर पर विरासत एवं पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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