नेरवा (शिमला), 5 मार्च। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला जिले के चौपाल के नेरवा में 73.43 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार नवीन योजनाओं के माध्यम से राज्य के जन-जन के जीवन स्तर में सुधार के लिए कार्यरत है।
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार जन हितैषी सोच के साथ न केवल योजनाओं को धरातल पर उतार रही है अपितु चुनाव पूर्व लोगों के साथ किए गए वादों को कठिन वित्तीय स्थिति के बावजूद भी पूरा कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत दिवस प्रदेश की 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग की महिलाओं को इन्दिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना के तहत 1500 रुपये मासिक प्रदान करने की घोषणा कर अपनी पांचवी गांरटी पूरी की है। इस योजना पर 800 करोड़ रुपये वार्षिक खर्च होंगे और इस निर्णय से प्रदेश की लगभग पांच लाख महिलाओं को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत शीघ्र ही फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता सम्भालते ही कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दृष्टि से न्यू पेंशन योजना के 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रदान कर अपनी प्रथम गांरटी पूरी की और ऐसे सभी कर्मचारियों के सम्मान जनक जीवन जीने के सपने को पूरा किया। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विद्यालयों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम शुरू करने की गारंटी हिमाचल के भविष्य को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने में सहायता करेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी महिलाओं को आत्मसम्मान के साथ जीने का अधिकार देना प्रदेश सरकार का लक्ष्य है। राज्य सरकार ने मनरेगा के तहत दी जा रही दिहाड़ी में 60 रुपये की वृद्धि की है। अब मनरेगा दिहाड़ी के तहत 300 रुपये मिलेंगे। सेब का समर्थन मूल्य भी आशातीत बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि चौपाल क्षेत्र में भारी वर्षा के समय प्रदेश सरकार ने अवरुद्ध सड़कों को खोलने पर 15 करोड़ रुपये व्यय किए ताकि बागवानों का सेब समय पर मण्डियों तक पहुंचे।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि गाय के दूध के क्रय मूल्य को 32 रुपये से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर तथा भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 55 रुपये प्रति लीटर कर चौथी गांरटी पूरी की गई है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के माध्यम से प्राप्त गेहूं और मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार न केवल अपनी प्रत्येक गांरटी को पूरा करेगी बल्कि नवीन योजनाओं के माध्यम से वर्ष, 2027 तक प्रदेश को देश का समृद्धतम राज्य बनाने के सपने को भी साकार करेगी।