गायत्री अश्वमेध महायज्ञ - राष्ट्र को साथ लेकर बढ़ाने की दिशा में एक नया कदमगायत्री अश्वमेध महायज्ञ - राष्ट्र को साथ लेकर बढ़ाने की दिशा में एक नया कदम

मुंबई, 15 फरवरी। गायत्री अश्वमेध महायज्ञ एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आया है। यह यज्ञ संपूर्ण राष्ट्र को एकत्रित करके आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।

यह यज्ञ 21-25 फरवरी को मुंबई (महाराष्ट्र) नगर, खारघर में होने जा रहे इस विशाल आयोजन में लाखों लोगों की भागीदारी की जा रही है। यह ऐतिहासिक यज्ञ विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो गायत्री परिवार द्वारा संचालित किया जा रहा है।

यह अद्भुत अनुष्ठान विभिन्न समाजों को एक साथ लाने और सामूहिक सोच को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहा है। अश्वमेध महायज्ञ न केवल आध्यात्मिकता की भावना को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि यह सामूहिक उत्थान और सद्भाव की भावना को भी मजबूत कर रहा है।

यह वैश्विक इतिहास में प्रथम एवं एकमात्र नशामुक्त अश्वमेध महायज्ञ होने जा रहा है। यह अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा संचालित 47 वां अश्वमेध महायज्ञ होगा। मुम्बई अश्वमेध महायज्ञ का आयोजन लगभग 140 एकड़ के विराट मैदान में सम्पन्न होगा।इस महायज्ञ का उद्घाटन वैदिक पद्धति में किया गया है, जिसमें 1008 कुंडों का निर्माण किया गया है। प्रत्येक कुंड में 10 व्यक्ति एक साथ हवन करेंगे।इस महायज्ञ में हमारे देश के पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे इसके साथ ही  कई संत, महात्मा, राजनेता, अभिनेता, उद्योगपति और समाज के प्रतिष्ठित लोग भी सम्मिलित होंगे।

गायत्री परिवार अश्वमेध यज्ञ के विशाल आयोजन मुख्य कार्यक्रम में शामिल हैं भव्य मंगल-कलश यात्रा, 1008 कुंडीय गायत्री महायज्ञ, विराट दीपमय दीपयज्ञ, देव सांस्कृतिक कार्यक्रम, विराट पुस्तक प्रदर्शनी, बुद्धिजीवी व्याख्यान माला एवं ज्ञान यज्ञ तथा सम्मेलन, युग निर्माण पोस्टर प्रदर्शनी, रक्तदान, व्यसन मुक्ति शिविर, और एक लाख वृक्षारोपण अभियान। यह आयोजन समाज को एकत्रित करके सामूहिकता और सेवा के माध्यम से समृद्धि और सम्मान के साथ आगे बढ़ने का प्रेरणा स्रोत बन रहा है।

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