देहरादून, 13 फरवरी। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अध्यक्ष मनोज कुमार ने देहरादून में राज्य स्तरीय पीएमईजीपी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखंड के ग्रामीण कारीगरों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे ‘आत्मनिर्भर और विकसित भारत अभियान’ से जोड़ने के लिए ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत 700 मशीनरी और टूलकिट का वितरण भी किया। राज्य स्तरीय खादी प्रदर्शनी में बिहार, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल व जम्मू-कश्मीर के करीब 72 स्टॉल लगे हैं, जहां पर खादी और ग्रामोद्योग से जुड़े उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। प्रदर्शनी 19 फरवरी तक चलेगी। कार्यक्रम में देहरादून की राजपुर सीट से विधायक खजान दास मौजूद रहे।
कारीगरों से अपने विचार साझा करते हुए केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि मोदी सरकार की गारंटी ने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की ग्लोबल ब्रांडिंग की है। पिछले 9 वर्षों में ‘नये भारत की नयी खादी’ ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नयी दिशा दी है। जिसके परिणाम स्वरूप इस कालखंड में खादी उत्पादों की बिक्री में चार गुना से अधिक की बिक्री दर्ज की गई है। खादी की उत्पादन और बिक्री बढ़ने से ग्रामीण भारत के कारीगर आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं। उन्होंने आगे बताया है कारीगरों की पारिश्रमिक में पिछले 9 वर्षों में 233 फीसदी से अधिक की वृद्धि ने कारीगरों को खादी के काम की ओर आकर्षित किया है।
केवीआईसी अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड में खादी की 40 संस्थाएं कार्यरत हैं। इसके माध्यम से यहां पर करीब 11 हजार से अधिक खादी कारीगरों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है। इसी तरह से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तराखंड में पिछले तीन वर्षों में 5888 नयी इकाइयों की स्थापना की गयी जिससे 47,104 नये रोजगार का सृजन हुआ है। पीएमईजीपी के तरह उत्तराखंड में पिछले तीन वर्षों में 131.52 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण भारत सरकार ने किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ मंत्र ने खादी को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है। पिछले 9 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जबकि इस दौरान 9.50 लाख से अधिक नये रोजगार का सृजन हुआ है।
वितरण कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता और कारीगर, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थियों समेत बैंकों के प्रतिनिधि, केवीआईसी और उत्तराखंड सरकार के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।