चंडीगढ़, 8 फरवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला भिवानी की एक शिकायतकर्ता द्वारा संपत्ति का इंतकाल देरी से करने तथा गलत कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत करने के मामले में भिवानी के नायब तहसीलदार आलमगीर तथा पटवारी ललित कुमार को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। साथ ही दोनों के विरूद्ध नियम-7 के तहत कार्यवाही भी अमल में लाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने बताया कि भिवानी की रहने वाली कमला देवी ने अपने पिता के देहांत के बाद उनकी रजिस्टर्ड वसीयतनामा के अनुसार संपत्ति का इंतकाल उनके व उनकी बहन के नाम किए जाने के संबंध में सीएम विंडो पर शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सीएम विंडो मुख्यालय द्वारा संबंधित नायब तहसीलदार से रिपोर्ट तलब की गई।
उन्होंने बताया कि नायब तहसीलदार आलमगीर ने पटवारी ललित कुमार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीएम विंडो पर रिपोर्ट दर्ज की कि उक्त जमीन का इंतकाल करके शिकायतकर्ता को उसकी नकल (कॉपी) की प्रति दे दी गई है, जबकि वास्तव में शिकायतकर्ता कमला देवी को इंतकाल की कोई कॉपी नहीं मिली।
इतना ही नहीं, हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग द्वारा भी इंतकाल के लिए निर्धारित समयावधि में इंतकाल न होने के चलते संबंधित नायब तहसीलदार आलमगीर पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया तथा शिकायतकर्ता को 5 हजार रुपये का मुआवजा देने के भी आदेश दिए।
दयाल ने बताया कि सारी कार्यप्रणाली को देखते हुए नायब तहसीलदार और पटवारी को सीएम विंडो पर गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का दोषी पाया गया। इसलिए मुख्यमंत्री ने नायब तहसीलदार आलमगीर तथा पटवारी ललित कुमार को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने तथा नियम-7 के विरूद्ध कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त, राजस्व को मामले में की गई कार्यवाही की रिपोर्ट 10 दिनों के अंदर-अंदर भिजवाना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।