पठानकोट, 3 फरवरी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने विश्व भर में बसे एन. आर. आई. भाईचारे को पंजाब की अर्थव्यवस्था को दुनिया के अग्रणी राज्य के तौर पर उभारने के लिए उनको खुले दिल के साथ सहयोग देने का न्योता दिया।
यहां ‘एन. आर. आई. मिलनी’ के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान एन. आर. आई. को अफसरशाही के हाथों अपमान सहना पड़ता था। मान ने कहा कि जबसे उन्होंने पद संभाला है, प्रवासी भारतीयों की भलाई के लिए बहुत सी पहलकदमियों की गई हैं और राज्य में नया बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यह तो अभी सिर्फ़ शुरुआत है क्योंकि प्रवासी भारतीयों का सम्मान बहाल करने के लिए बहुत से नवीन कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “ मैं एक साधारण परिवार में जन्मा और बढ़ा हुआ हूं जिस कारण जमीनी स्तर पर अच्छी तरह जुड़ा हुआ हूँ, इसलिए मैं समाज के अलग-अलग वर्गों को पेश समस्याओं से भली-भांति अवगत हूं। मैंने लोगों को भरोसा दिया कि उनकी हर समस्या का हल किया जाएगा और राज्य सरकार अब हरेक नागरिक की जायज समस्या के हल के लिए उनकी सेवा में उपस्थित है। हम राज्य की तरक्की और खुशहाली के लिए वचनबद्ध हैं।“
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राज्य में विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए कई राजदूतों और कूटनीतिकों को मिले हैं। उन्होंने कहा कि इसका एकमात्र मकसद राज्य के विकास को बढ़ावा देना है जिससे लोगों को इसका भरपूर लाभ मिल सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आने वाले समय में पंजाब पर्यटन उद्योग के केंद्र के तौर पर उभरेगा क्योंकि ऐसे यत्नों को फल ज़रूर मिलेगा।
मान ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान हुए एन. आर. आई. सम्मेलन केवल धोखा थे क्योंकि इसमें से कुछ भी सार्थक ढंग से सामने नहीं आया। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों को बड़े-बड़े पैलेसों और होटलों में बुलाया जाता था परन्तु बाद में उनको अपमानित होना पड़ता था क्योंकि कोई भी उनकी परवाह नहीं करता था।
मान ने कहा कि उनकी सरकार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत लोगों को दिखाने के लिए रमणीक और कुदरती सुदंरता से लबरेज़ इस स्थान पर यह समागम करवा रही है। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों को इसकी तरक्की और खुशहाली के लिए खुले दिल के साथ योगदान डालना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “ पंजाब धन्य धरती है जहाँ गेहूँ और धान की इतनी ज़्यादा पैदावार होती है कि देश को अनाज उत्पादन में आत्म निर्भर बनाया जा सका। यह बड़े दुख की बात है कि पहले वाले नेताओं ने राज्य के संसाधनों को लूटा जिस कारण राज्य तरक्की और खुशहाली में पिछड़ गया है। अब पंजाब को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए सख्त यत्न किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान राज्य की झांकी को रद्द कर दिया था, चाहे कि आज़ादी के संघर्ष के लिए 90 प्रतिशत बलिदान पंजाबियों ने दिया था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के साथ सौतेली माँ वाला सलूक असहनीय है क्योंकि उनको राज्य में देश भक्ति और राष्ट्रवाद को दर्शातीं झांकी को रद्द करने का कोई हक नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीय भाइयों को उनके मसलों के हल के लिए सुविधा देने के लिए राज्य सरकार ने प्रवासी भारतीय मामलों के बारे विभाग की नयी वेबसाइट की शुरुआत की है।