पशुओं की मौत का मामला - मंत्री ने किया प्रभावित गांव का दौरा

चंडीगढ़, 21 जनवरी। पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मछली पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने “मिक्स इन्फ़ेक्शन“ बीमारी से प्रभावित गांव रायके कलां ( जिला बठिंडा) का आज दौरा किया और बठिंडा के डिप्टी कमिशनर शौकत अहमद परे को पशुओं की मौत संबंधी सर्वेक्षण करवाने के आदेश दिए।

मंत्री ने बताया कि इस बीमारी से निपटने के लिए विभाग की तरफ से दस टीमें ( हरेक टीम में तीन मेंबर शामिल हैं) का गठन किया गया है। दस टीमों में से पांच टीमें इलाज के लिए, दो टीमें सैंपलिंग के लिए, दो टीमें रात की ड्यूटी के लिए और एक टीम पशु अस्पताल, रायके कलां में तैनात की गई है। 

राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहयोग का भरोसा देते हुए गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार इस मुश्किल घड़ी में पशु पालकों के साथ खड़ी है और स्थिति पर 24 घंटे निगरानी रखने के लिए टीमें तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से प्रभावित पशुओं के इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार की तरफ से उठाया जाएगा। 

उन्होंने आगे बताया कि रायके कलां गांव की धर्मशाला में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसके इलावा डिप्टी डायरैक्टर पशु पालन दफ़्तर, बठिंडा में एक ज़िला स्तरीय कंट्रोल रूम भी शुरू किया गया है, जहां पशु पालन विभाग के सीनियर अधिकारियों की निगरानी अधीन दो टीमें तैनात की गई हैं। 

पशुपालन विभाग के डायरेक्टर डा. गुरु शरणजीत सिंह बेदी ने बताया कि अब तक 82 पशुओं का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है, जिनकी हालत ठीक है और इसके साथ ही 39 सैंपल भी लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि गुरू नानक देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस  यूनिवर्सिटी, लुधियाना और एन. आर. डी. डी. एल, जालंधर की टीमों ने भी गांव का दौरा किया और प्रभावित पशुओं के सैंपल लिए हैं।

उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम और टेस्टिंग रिपोर्टों के अनुसार प्रभावित पशुओं में निमोनिया, सैपटिसीमिया, थैलेरिसस, अनीमिया, नाइट्रेट पुआइज़निंग और फुट एंड माउथ डिज़ीज़ ( एफ. एम. डी) के लक्षण पाये गए हैं और इन रिपोर्टों के नतीजों को ध्यान में रखते हुये इलाज किया जा रहा है। 

पशुधन को ठंड से बचाने की अपील करते हुये पशु पालन मंत्री ने पशु पालकों को कहा कि वह पशुधन के नीचे पराली बिछाएं और पशुधन के नजदीक किसी भी तरह की अलाव जलाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे धुआं होता है।

उन्होंने किसानों को यह भी कहा कि वह इन्फेक्शन की रोकथाम के लिए पशुओं के शैलटरों के फर्श पर कपड़े धोने वाले सोडे का छिड़काव करें और पशुधन को युरिया युक्त चारा डालने से भी गुरेज़ करें। बायोसिक्यूरिटी उपाय के अंतर्गत पशुओं को एक से दूसरी जगह लेजाने से गुरेज़ करने के लिए भी कहा गया है।

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