चंडीगढ़, 25 दिसंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले 9 वर्षों से व्यवस्था परिवर्तन का प्रयास किया है और उन्होंने अनुशासन को ही सुशासन का आधार माना है। लोगों को घर बैठे सरकारी सेवाओं का लाभ सुलभता से पहुँचे यहीं सुशासन का मूल मंत्र है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल पंचकूला में सुशासन दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर अधिकारियों व अन्य लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर सभी जिला मुख्यालयों से मंत्रि, सांसद, विधायक व जिला प्रशासन के अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर दोनों महापुरुषों को नमन करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में ही देश को पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण से जोड़ने का कार्य शुरू हुआ था। प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल सुशासन का रोल माॅडल माना जाता है। इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में हर वर्ष उनके जन्मदिन को ’सुशासन दिवस’ के रूप में मनाने की पहल की है।
इसी कड़ी में हरियाणा में भी उन्होंने सत्ता संभालते ही दो महीने बाद 25 दिसंबर 2014 से सुशासन दिवस की अवधारणा के रूप में सीएम विंडो की शुरुआत की थी। आज सीएम विंडों के माध्यम से 11.50 लाख से अधिक लोगों की सीधी पहुँच उन तक हुई है।
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में सुशासन का कार्य 2014 में शुरू हुआ जिसके फलस्वरूप आज लोगों में सरकार और सरकारी सेवाओं के प्रति भरोसा कायम हुआ है। सुशासन के सिद्धांत पर चलते हुए वर्तमान हरियाणा सरकार आज लोगों को घर बैठे सरकारी सेवाओं का लाभ सुलभता से पहुंचा रही है। सरकारी सिस्टम में परिवर्तन के लिए शुरू किए गए अभिनव प्रयासों के तहत इसमें सुधार का कार्य लगातार जारी है ताकि आमजन को बिना किसी परेशानी के सभी सुविधाएं और सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। उन्होंने कहा सुशासन के लिए उनकों दिशा का पता है। गति देना अधिकारियों की भी जिम्मेदारी बनती है।पुरानी व्यवस्था में बदलाव कर सिस्टम को बनाया पब्लिक फ्रेंडली
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से सुशासन की अवधारणा के अनुरूप वर्तमान सरकार नागरिकों को सुविधाएं व सेवाएं प्रदान करने तथा समस्याओं के समाधान के लिए पिछले 9 सालों से निरंतर कार्यरत है। इसके लिए हमने पुरानी व्यवस्था में बदलाव कर सिस्टम को पब्लिक फ्रेंडली बनाया है। उन्होंने कहा कि पहली बार प्रदेश में जब ऑनलाइन अध्यापक तबादला नीति लागू की गई तो उसमें 93 प्रतिशत से अधिक अध्यापक संतुष्ट रहे। इसी सफलता के परिणामस्वरूप हमने कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन स्थानांतरण नीति लागू करके तबादलों के नाम पर चलने वाली दुकानों पर ताला लगवाने का काम किया। इस नीति की उपयोगिता को देखते हुए दूसरे राज्यों ने भी इसका अनुसरण किया है। इसके अतिरिक्त, हमारी सरकार में बिना पर्ची-बिना खर्ची के केवल मेरिट को आधार बनाकर पारदर्शिता से योग्य उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियां प्रदान की जा रही हैं।
ग्रुप-डी कर्मचारियों का भी होगा ऑनलाइन स्थानांतरण
सुशासन की दिशा में एक और कदम बढाते हुए मुख्यमंत्री ने ग्रुप-डी कर्मचारियों के ऑनलाइन स्थानांतरण पोर्टल को लांच किया। इस पोर्टल पर गु्रप-डी अधिनियम 2018 लागू होने के बाद जो कर्मचारी नियुक्त हुए थे वे इस पोर्टल पर अपने तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगें। इसके अलावा, इस पोर्टल पर ग्रुप-डी के काॅमन काडर के अन्य पद पर नियुक्ति के लिए भी आवेदन कर सकेंगें।
भ्रष्टाचार पर कटाक्ष करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि भ्रष्टाचार रूपी समाजिक बुराई हमेशा पंक्ति में खड़े आखिरी व्यक्ति के हक पर प्रभाव डालती है, जबकि उसका संसाधनों पर सबसे पहला अधिकार होता है। उन्होंने कहा कि बीते 9 सालों में हमनें करप्शन पर कडा प्रहार किया है। डीबीटी, ऑनलाइन ट्रांसफर, पढ़ी लिखी पंचायतें, ई-रवाना, रिमांड सिस्टम को खत्म करना आदि सभी प्रयास सुशासन के आधार है। सरकारी योजनाओं और सेवाओं को ऑनलाइन करने से लोग स्वयं इनको लागू करने में भागीदार बने रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने साल 2024 के कैलेण्डर का विमोचन भी किया। साथ ही, उन्होंने 12 अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन पुरस्कार भी प्रदान किए जिनमे 6 स्टेट लेवल फ्लैगशीप अवार्ड, 3 स्टेट लेवल अवॉर्ड और 3 जिला स्तरीय गुड गवर्नेंस अवार्ड देकर अधिकारियों को सम्मानित किया।