साक्षी और बजरंग की हुई जीत, देर से जागा केंद्र - संधवांसाक्षी और बजरंग की हुई जीत, देर से जागा केंद्र - संधवां

चंडीगढ़, 24 दिसंबर। खेल मंत्रालय द्वारा कुश्ती संघ को निलंबित करने के फैसले को केंद्र की तरफ से लोगों के जबरदस्त दबाव के अधीन लिया गया फैसला बताते हुए पंजाब विधान सभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने रविवार को कहा कि अब समय आ गया है कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ खिलाड़ियों के साथ हुये यौन शोषण और छेड़छाड़ के गंभीर आरोपों को तर्कसंगत ढंग से नतीजे तक पहुंचाया जाये।

केंद्रीय खेल मंत्रालय की तरफ से नई डब्ल्यू. एफ. आई. को रद्द करने की खबरों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए संधवां ने कहा कि नई संस्था को तुरंत प्रभाव से खत्म किया जाना चाहिए और पारदर्शी ढंग से नये चुनाव कराये जाने चाहिएं।

संधवां ने एक बयान में पूछा, “ उन्होंने नई डब्ल्यू. एफ. आई. को खत्म करने से क्यों रोका, जोकि पूर्व प्रमुख का ही रूप (प्रौकसी) था, जिस पर उन खिलाड़ियों की तरफ से गंभीर आपराधिक दोष लगाए गए थे, जिनकी वह नुमायंदगी और सुरक्षा का जिम्मेदार था।

उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि कोई भी देश तब तक तरक्की नहीं कर सकता, जब तक उसके एथलीट और बेटियों की रक्षा नहीं की जाती। साक्षी और बजरंग ने जिस तरह बेइन्साफ़ी और अपमान के खि़लाफ़ इस लड़ाई का झंडा बुलंद किया की है, वह मिसाली और हिम्मत की बात है और यह उनकी तरफ से चुनौतियों के सख़्त दौर में भी डटे रहने का नतीजा है।संधवां ने आगे कहा कि किसी भी राष्ट्र के लिए अपने ओलम्पियनों का अपमान और अपमान होता देखना बड़ा दुखद और शर्मनाक है।

इस सारी प्रक्रिया को भद्दा मज़ाक बताते हुये उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जानती थी कि देश की जनता का भरोसा और हमदर्दी उन एथलीटों के साथ है, जिनको गलत साबित किया जा रहा था। संधवां ने कहा कि हमारे एथलीटों के आंसूओं ने देश को झंझोड़ कर रख दिया है क्योंकि हमारे स्टार एथलीटों को पदक वापिस करते हुये देखना बहुत दुखद था।

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