शिमला, 21 दिसंबर। हिमाचल भाजपा ने आज कांग्रेस की घेराबंदी करते हुए धरना प्रदर्शन किया व एडीएम कानून व्यवस्था और राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा गया।
इस मौके पर पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ का कांग्रेस नेताओं ने जिस तरह उपहास किया, वो सिर्फ एक व्यक्ति या पद नहीं बल्कि भारतीय संविधान के अपमान की पराकाष्ठा है। इस अमर्यादित व्यवहार से पूरी संसद की गरिमा भंग हुई है। कल्याण बनर्जी द्वारा संसद भवन परिसर के अंदर ही राज्यसभा के सभापति का अपमानजनक नकल करना, घमंडिया गठबंधन के सांसदों द्वारा ठहाके लगा कर सार्वजानिक मजाक उड़ाना और उसका वीडियो बनाना, उस पर हंसना- ये सब दिखाता है कि इन लोगों की मानसिकता किस स्तर पर आ गई है। विपक्ष की ये हरकत दिखाती है कि आखिर क्यों वे सस्पेंड हैं। एक तरह से घमंडिया गठबंधन के सासंद अपने सस्पेंशन को जस्टिफाई ही कर रहे हैं।
मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा की विपक्ष के व्यवहार से लगता है कि उन्होंने विपक्ष में ही रहने का पक्का मन बना लिया है। उनके चाल, चरित्र और सोच से यही झलकता है। अगर उनका यही हाल रहा तो विपक्ष आज जहां है, अगले चुनाव में वहां से भी पीछे हो जाएंगे।
संजय सूद ने कहा ओबीसी समाज के खिलाफ कांग्रेस की नफरत जगजाहिर है। राहुल गांधी ने तो ओबीसी को सरेआम अपमानित किया और माफी भी नहीं मांगी। चुनावों में तो ओबीसी की राजनीति करते नहीं थकते लेकिन, रियल लाइफ में ओबीसी का अपमान करते नहीं थकते। विपक्षी नेताओं द्वारा संवैधानिक पद का अपमान पहली बार नहीं किया गया है। जब एक आदिवासी परिवार से निकली बेटी राष्ट्रपति पद पर प्रतिष्ठित हुई थी, तब भी कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन के नेताओं ने उनका अपमान किया था।
भाजपा नेताओं कहा की विपक्ष के नेताओं को भूलने की आदत है, यह भूल गए कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जनता ने कैसे इनको राज्य से बाहर खदेड़ा। ये भूल गए कि मध्य प्रदेश की जनता ने इनको आइना दिखा दिया है। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस , इंडी गठबंधन और विपक्ष को अपने इस कृत्य के लिए सार्वजनिक माफी मांगी चाहिए और उन्होंने मांग रखी की ऐसे नेताओं पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।