सकारात्मक सोच के साथ प्रदेश का विकास करना ही एकमात्र लक्ष्य  मुख्यमंत्रीसकारात्मक सोच के साथ प्रदेश का विकास करना ही एकमात्र लक्ष्य  मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 19 दिसंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार सकारात्मक सोच के साथ हरियाणा के चहुंमुखी विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है। समाज के सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया गया है। वर्तमान में हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है, जिसमें स्पीकर व डिप्टी स्पीकर ज्यादा तनाव में रहते हैं। ऐसे माहौल में उनके लिए सही फैसले लेना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। सत्र में विपक्ष के नेता भी अपनी बात रखते हैं। अनेक बार सदस्यों के बीच संवाद से माहौल में तनाव आ जाता है। ऐसे में व्यक्ति को संयम रखते हुए सही निर्णय लेना जरूरी होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज का कुशल नेतृत्व और तनावमुक्त जीवन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। तनाव लिए बिना प्रदेश के विकास और लोगों की भलाई के लिए काम करना ही एकमात्र लक्ष्य है। इसी सकारात्मक सोच के साथ सरकार लक्ष्य को निर्धारित कर आगे बढ़ रही है। उन्होंने आर्ट आफ लिंविंग के प्रेणता श्री श्री रविशंकर द्वारा बताई बातों को अमल कर आगे बढ़ने की बात भी कही।

मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा निवास में आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से हरियाणा विधानसभा के सदस्यों के लिए आयोजित योगासन सत्र-कुशल नेतृत्व और तनावमुक्त जीवन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता, डिप्टी स्पीकर रणवीर सिंह गंगवा, शहरी निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता, विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली, विधायक सुभाष सुधा सहित अन्य कई विधायक मौजूद रहे।

आर्ट आफ लिंविंग के प्रेणता श्री श्री रविशंकर वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से विभानसभा सदस्यों से रूबरू हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को बधाई दी कि उनकी सरकार कुशल नेतृत्व के साथ-साथ सामाजिक सरोकार पर विशेष जोर दे रही है। इसके साथ ही किसानों की भलाई के लिए फसल विविधिकरण को बड़े स्तर पर लागू किया है, जिससे किसान खुशहाल हुए हैं। उन्होंने कहा कि नकारात्मक सोच के लोग ज्यादा सक्रिय रहते हैं और समाज की हानि का प्रयास करते हैं। सकारात्मक सोच के लोगों को ज्यादा सक्रिय होकर उनकी सक्रियता को कम करना होगा, ताकि समाज की भलाई हो सके। उन्होंने योगासन के लाभ बताए और तनाव से मुक्त रहने के टिप्स दिए। व्यक्ति को प्रतिदिन 15 मिनट ध्यान योग करना चाहिए। इससे उनके विचार सकारात्मक होंगे और नींद भी गहरी आएगी। शरीर में ताजगी बनी रहेगी। श्री श्री रविशंकर ने सभी सदस्यों का आह्वान किया कि वे प्रतिदिन गीता का जरूर अध्ययन करें, इससे उनके सोचने व निर्णय लेने की क्षमता में उत्तरोत्तर विकास होगा।

संवाद के दौरान विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने श्री श्री रविशंकर से प्रश्न किया कि राजनेता का जीवन सुबह से शाम तक तनाव में रहता है। उन्हें भी सत्र के दौरान अनेक मुद्दों पर तत्कालीन निर्णय लेने होते हैं, जबकि उन पर पक्ष-विपक्ष का बहुत दबाव रहता है। सच्चाई के साथ खड़ा होना जरूरी है, लेकिन मुश्किल भी आती है। इस प्रश्न के उत्तर में श्री श्री रविशंकर ने जवाब दिया कि स्पीकर होने के नाते आपका कार्य तनावपूर्ण और चुनौतीपूर्ण है, लेकिन आप ने अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए सत्य व सही का ही चयन करना है। अपनी अंतर आत्मा की सुनो और सहनशीलता के साथ निर्णय लो। इस मौके पर आर्ट आफ लिंविंग के ट्रेनरों ने विधानसभा के सदस्यों को योगाभ्यास भी करवाया।

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