चंडीगढ़, 19 दिसंबर। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कृषि कानूनों के विरुद्ध संघर्ष के दौरान शहादतें प्राप्त करने वाले किसानों के वारिसों को मुआवजे और नौकरियों सहित अन्य लंबित मामलों के समाधान के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है।
यहां अलग-अलग किसान जत्थेबंदियों के साथ मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कमेटी का नेतृत्व कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां करेंगे, जबकि सीनियर आईएएस और किसान जत्थेबंदियों के प्रतिनिधि और कृषि माहिर सदस्यों के तौर पर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगें जल्दी से जल्दी पूरी करनी यकीनी बनाने के लिए यह कमेटी 31 मार्च तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी। मान ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के अन्नदाताओं की भलाई के लिए वचनबद्ध है और इसलिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।
एक अन्य एजंडे के बारे चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने पंजाब के पास अन्य राज्यों के लिए पानी की एक बूंद भी अतिरिक्त न होने की बात दोहराते हुए कहा कि वह 28 दिसंबर को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री द्वारा बुलाई मीटिंग में जरूर शामिल होंगे। मान ने कहा कि मीटिंग में वह पंजाब का पक्ष मजबूती से केंद्र सरकार के सामने रखेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है और मीटिंग में यह बात जोरदार ढंग से रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि वह किसी से डरते नहीं हैं और केंद्र सरकार की तरफ से बुलाई मीटिंग के दौरान वह राज्य के हितों की रक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली जनवरी से 13 अप्रैल तक विशेष मुहिम चलाई जाएगी, जिस दौरान ज़मीन का सहमति से बटवारा करने के लिए गांवों में विशेष कैंप लगाए जाएंगे। उन्होंने किसानों को भरोसा दिया कि अगर किसानों का जमीन के स्वामित्व के कोई विवाद नहीं होगा, वहां ज़मीन का स्वामित्व कब्जे के आधार पर कर दिया जाएगी। मान ने कहा कि जो किसान सहमति से ज़मीन का बटवारा करवाना चाहते हैं, उनको इससे काफी लाभ होगा।
एक अन्य किसान हितैषी फैसले में मुख्यमंत्री ने गांवों में सहकारी सभाओं में नए खाते खोलने पर लगी रोक हटाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब किसान इन सभाओं में अपने खाते खोल सकते हैं जिससे उनको बड़ा लाभ मिलेगा। मान ने कहा कि मौजूदा वित्तीय साल के अंत तक किसानों का हर तरह का बकाया मुआवजा जारी कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि सरहदी फीडर के टेलों पर पानी मुहैया करवाने के लिए लगाए गए 242 लिफ्ट पंपों को एक जनवरी से मुफ्त बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आवारा और जंगली जानवरों से निपटने के लिए सरकार किसानों को पर्मिट देने पर विचार कर रही है क्योंकि यह जानवर किसानों की फसलों का बर्बादी करते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के सहकारी बैंकों के कर्ज़े के एकमुश्त निपटारे के मसले को नाबार्ड के पास विचारेगी।
एक अन्य मसले पर मुख्यमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि राज्य में बिजली के वितरण का काम किसी प्राईवेट एजेंसी को नहीं दिया जायेगा। एक अन्य मामले पर भगवंत सिंह मान ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों का हक है और राज्य सरकार किसानों की सहायता के लिए हरेक कदम उठाऐगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के लिए फ़सल का समर्थन मूल्य यकीनी बनाने के लिए कानूनी, प्रशासनिक और सभी ढंगों के द्वारा किसानों के साथ डट कर खड़ी रहेगी।