बठिंडा, 9 दिसंबर। स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के दृष्टिकोण को साकार करने के समर्पित प्रयास के रूप में भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में ‘विकसित भारत @ 2047 के लिए विज़न दस्तावेज़ तैयार करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों में युवा भागीदारी” कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। यह कार्यक्रम विकसित भारत@2047 के लिए विज़न दस्तावेज़ तैयार करने हेतु नवीन विचारों को साझा करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में युवाओं की सक्रिय भागीदारी पर केंद्रित है।
यह अभियान 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन भाषण के साथ शुरू होगा। उद्घाटन समारोह में पंजाब के उच्च शैक्षणिक संस्थानों के कुलपतियों/प्रमुखों और सरकारी/निजी/मानित विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करने तथा पंजाब के माननीय राज्यपाल श्री बनवारीलाल पुरोहित की उपस्थिति में पंजाब राजभवन में आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
इस कार्यक्रम में युवाओं और विद्यार्थियों को 11 दिसंबर से 25 दिसंबर तक माय गॉव डॉट इन (MyGov.in) पोर्टल पर विकसित भारत@2047 के विज़न दस्तावेज़ को तैयार करने हेतु डिजिटल रूप से अपने सुझाव देने का अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राघवेंद्र प्रसाद तिवारी ने पंजाब राज्य के सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षाविदों और छात्रों से ‘विकसित भारत@2047 के विज़न दस्तावेज़ को तैयार करने के लिए डिजिटल रूप से अपने सुझाव देने का आग्रह किया है।
प्रो. तिवारी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत वर्तमान में विश्व स्तर पर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अपने इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। मोदी सरकार के व्यापक शासन मॉडल और भारत के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता के कारण हमारे देश ने खेल, जन धन खाते, सीओवीआईडी-वैक्सीन, चंद्रयान, जलवायु लक्ष्य, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।
प्रो. तिवारी ने कहा कि भारत इस समय इतिहास के निर्णायक मोड़ पर खड़ा है और हमारे देशवासी भारत को 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था और 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था तक पहुँचाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने जापान, जर्मनी, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया के इतिहास में परिवर्तनकारी क्षणों को रेखांकित किया और विकसित भारत@2047 को वास्तविकता बनाने के लिए युवा भागीदारी द्वारा भारत के समक्ष वर्तमान अवसर का पूरी तरह से लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रोफेसर तिवारी ने कहा कि विकसित भारत@2047 का रोडमैप केवल सामूहिक रूप से तैयार किया जा सकता है और इस कार्य को संपन्न करने के लिए युवाओं को विकसित भारत@2047 के विभिन्न पहलुओं के लिए लक्ष्य निर्धारित करने होंगे तथा उन्हें पूरा करने के लिए एक विज़न दस्तावेज़ तैयार करने हेतु अपने नवीन सुझावों को साझा करना होगा।