चंडीगढ़, 1 दिसंबर। उच्च कोटि के शोध के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करने, नवीनतम टेक्नोलॉजी से कदमताल करने, इनोवेशन करने तथा समाजोपयोगी शोध करने का आह्वान हरियाणा के राज्यपाल तथा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में शोधार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम में किया।
राज्यपाल-कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने शोधार्थियों से ग्रास रूट लोकल स्तर पर समस्याओं के निवारण के लिए शोध करने का परामर्श शोधार्थियों को दिया। उन्होंने कहा कि शोध कार्य समस्या निवारण उन्मुख होना चाहिए।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने यूनिवर्सिटी-इंडस्ट्री सहभागिता तथा सक्रिय इंटरफेस पर विशेष जोर देने की बात कही। इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार भी शोध कार्य की वकालत उन्होंने की।
अपने शोध कार्य के साथ शोधार्थियों को व्यायाम, योग, शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने तथा अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने का परामर्श कुलाधिपति ने दिया। एमडीयू को शैक्षणिक, शोध, सोशल आउटरीच, पर्यावरण संरक्षण, साहित्य-संस्कृति, खेल गतिविधियों में उत्कृष्टता के लिए राज्यपाल कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने एमडीयू वाइस चांसलर प्रो. राजबीर सिंह तथा उनकी टीम को बधाई दी।
राज्यपाल-कुलाधिपति ने विभिन्न पाठ्यक्रमों के टॉपर्स विद्यार्थियों, एनएसएस, यूथ रेडक्रॉस गतिविधियों के प्रतिनिधियों, यूनिवर्सिटी आउटरीच, यूनिवर्सिटी कोर्ट आदि के स्टूडेंट सदस्य प्रतिनिधियों से भी संवाद किया।
टैगोर सभागार में आयोजित संवाद कार्यक्रम में शोधार्थियों तथा विद्यार्थियों ने अपनी बात रखी और सुझाव दिए। शोधार्थियों ने अपने-अपने शोध कार्य बारे भी बताया।
एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अपने संबोधन में एमडीयू की विकास यात्रा का विवरण दिया। उन्होंने कहा कि एमडीयू रिसर्च-इन्नोवेशन में नूतन पहल कर रहा है। भविष्योन्मुखी रोडमैप के तहत उत्कृष्ट शोध संस्कृति की नींव एमडीयू में रखी गई है।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने राज्यपाल-कुलाधिपति के सतत मार्गदर्शन के लिए आभार जताया। स्वागत भाषण डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने दिया। आभार प्रदर्शन रजिस्ट्रार प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने किया। कार्यक्रम में मंच संचालन निदेशक युवा कल्याण डा. जगबीर राठी ने किया।
डीन, सीडीसी प्रो. ए.एस. मान, डीन आर एण्ड डी प्रो. अरुण नंदा, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा, फैकल्टी डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकों, शोधार्थी, विद्यार्थी कार्यक्रम में मौजूद रहे।