मुख्यमंत्री द्वारा लोगों को पंजाब विरोधी ताकतों की सहायता प्राप्त नशा-आतंकवाद को मुँह तोड़ जवाब देने के लिए संकल्प लेने का न्योता
लुधियाना, 16 नवंबर:
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज राज्य को नशों की बीमारी से मुकम्मल तौर पर मुक्त करने के लिए समूह पंजाबियों को पंजाब विरोधी ताकतों की सहायता प्राप्त नशा-आतंकवाद को मुँह तोड़ जवाब देने का संकल्प लेने का न्योता दिया।
शहीद करतार सिंह सराभा के शहादत दिवस के मौके पर उनकी याद में आज पंजाब पुलिस द्वारा करवाई गई विशाल नशा विरोधी साइकिल रैली को झंडी दिखा कर रवाना करने से पहले अपने संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पर शुरू से ही लुटेरे हमला करते रहे हैं, परन्तु पंजाबियों ने हमेशा ही इन हमलों का बहादुरी से मुकाबला किया है। उन्होंने कहा कि पंजाबियों को अब नशा-आतंकवाद के खि़लाफ़ जंग लडऩी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में नशे फैलाने के लिए पंजाब विरोधी ताकतें फंड दे रही हैं, जो राज्य को पटरी से उतारना चाहते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब पंजाब नशों से मुक्त होगा जिसके लिए हरेक पंजाबी को प्रण लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की दुश्मन ताकतें नशेडिय़ों के तौर पर पंजाबियों को झूठा प्रचार करने के लिए तत्पर हैं, जिससे देश के सामने राज्य की गलत तस्वीर पेश की जा सके। उन्होंने कहा कि सदियों से पंजाब देश की खडग़भुजा रहा है और इसको देश का अन्न देने वाला राज्य कहा जाता है, परन्तु पंजाबियों के इस महान योगदान को दरकिनार करके कुछ राजनीतिक पार्टियाँ सच्चे सपूतों को नशेड़ी आरोप लगा कर घटिया प्रोपगंडा कर रही हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब पंजाब ने नशों के खि़लाफ़ आर-पार की लड़ाई शुरु कर दी है, जिसकी शुरुआत पवित्र शहर अमृतसर में श्री हरिमन्दर साहिब से अरदास करके की गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ”हमें पंजाब के शहीदों की गिनती करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि पंजाब के हरेक गाँव की मिट्टी पर इन नायकों के निशान हैं।” उन्होंने कहा कि इस पवित्र धरती का जर्ऱा-जर्ऱा महान गुरू साहिबान, संतों- महापुरुषों, पीरों-पैगंबरों और शहीदों की चरण-छू प्राप्त है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाबियों को सख़्त मेहनत करने के जज़्बे का सौभाग्य हासिल है, जिस करके वह हरेक जगह अपना महत्व कायम कर लेते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में खेलों को बढ़ावा देने पर बड़ा ज़ोर दिया है, जिससे नौजवानों की असीम ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहली बार राज्य सरकार द्वारा खिलाडिय़ों को खेल की तैयारी के लिए आगामी फंड दिए गए हैं, जिससे वह खेल मुकाबलों में उपलब्धियाँ हासिल कर सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी का नतीजा है कि पंजाबियों ने हाल ही में समाप्त हुई एशियन खेलों में 19 पदक जीते हैं, जोकि एशियाड की शुरुआत से अब तक जीते गए सबसे अधिक पदक हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भली-भांति जानते हैं कि ‘खाली मन शैतान का घर होता है’, इसलिए नौजवानों को नौकरियाँ देने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है, जिससे वह काम में लगे रहें। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस में हरेक साल 2100 पदों पर रेगुलर भर्ती के लिए विज्ञापन दिए जा रहे हैं, जिससे नौजवानों को सख़्त मेहनत करने और पुलिस अफ़सर बनने के लिए तैयारी करने की प्रेरणा मिलती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में नशों के खि़लाफ़ बड़ी कार्यवाही शुरू की है और समग्लरों को सलाखों के पीछे डाला जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि इस विशाल साइकिल रैली में हर वर्ग के लोग हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रयास पंजाब से सामाजिक बुराईयों का सफाया करके राज्य को अग्रणी बनाने के लिए लोगों की वचनबद्धता को दिखाता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह शुरुआत आने वाले समय में ‘रंगला पंजाब’ सृजन करने की ओर एक बड़ा कदम है।
इस ऐतिहासिक दिवस पर शहीद करतार सिंह सराभा को श्रद्धांजलि भेंट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पवित्र दिवस पर देश की एकता, अखंडता और आपसी-भाईचारे को और मज़बूत करने का प्रण लेने से इस महान शहीद को सही मायनों में सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पहले ही शहीद करतार सिंह सराभा के शहीदी दिवस के मौके पर हर साल 16 नवंबर को गज़टिड छुट्टी घोषित की जा चुकी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे शहीद की गौरवमई विरासत का प्रसार किया जा सकेगा, जिससे हमारी आने वाली पीढिय़ाँ उनके जीवन से प्रेरित हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महान शहीद ने छोटी उम्र में ही अपने वतन को ब्रिटिश साम्राज्यवाद के चंगुल से आज़ाद करवाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। उन्होंने कहा कि शहीद करतार सिंह सराभा की शहादत ने शहीद भगत सिंह जैसे कई और नौजवानों को आज़ादी के आंदोलन में हिस्सा लेने और मातृभूमि की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर करने के लिए प्रेरित किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश निवासी इस शहीद के उस महान बलिदान के सदा ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि पहली बार पंजाब सरकार ने शहीद करतार सिंह सराभा के साथ फांसी चढऩे वाले उनके छह अन्य साथियों शहीद विष्णु गणेश पिंगले ( पुणे, महाराष्ट्र), शहीद जगत सिंह ( तरन तारन), शहीद हरनाम सिंह सियालकोटी (सियालकोट, पाकिस्तान), शहीद बख्शीश सिंह (अमृतसर), शहीद सुरैण सिंह वड्डा (अमृतसर) और शहीद सुरैण सिंह छोटा (अमृतसर) को भी याद किया है।
इस मौके पर डी.जी.पी. गौरव यादव और अन्य सिविल एवं पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।