सामंजस्य एवं संयम से सुशासन हासिल किया जा सकता है


चंडीगढ़, 10 नवंबर – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने युवा एचसीएस अधिकारियों को अपने कार्यकाल के दौरान निष्पक्ष और पूर्वाग्रह भेदभाव से मुक्त रहकर अपनी ईमानदारी और प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

मुख्य सचिव आज यहां हरियाणा सिविल सेवा के 45 प्रशिक्षु अधिकारियों के प्रशिक्षण समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। श्री कौशल ने लोक सेवकों  को अपने आचरण में अटूट नैतिक मानकों और ईमानदारी को बनाए रखने तथा पूरे दिल से   लोगों की सेवा करने के महत्व पर बल दिया।

उन्होंने सुशासन के बुनियादी सिद्धांतों पर फोकस करते हुए राजनीतिक झुकाव से बचने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि सुशासन सामंजस्यपूर्ण संयम बनाए रखते हुए नागरिकों और सरकार के बीच आत्म-अनुशासन, आत्म-नियंत्रण और निष्पक्षता के प्रति प्रतिबद्धता के स्तंभों पर निर्भर रहना है। यह ज्ञानवर्धक शब्द सुशासन के क्षेत्र में नैतिक व्यवहार और न्यायसंगत प्रथाओं के महत्व पर प्रकाश डालते हैं।

श्री कौशल ने कहा कि पोस्टिंग के बाद क्षेत्र का अनुभव युवा अधिकारियों को जटिल गतिशीलता की समग्र समझ प्रदान करेगा और सरकार, नागरिकों, व्यवसायों, कर्मचारियों एवं अन्य सरकारी एजेंसियों सहित विभिन्न हितधारकों के बीच तालमेल को बनाए रखेगा।   उन्होंने कहा कि हरियाणा के अधिकारियों ने जी-20 बैठकों और कार्यक्रमों के आयोजन से अमूल्य अनुभव मिले है, जिससे उनका ज्ञान और दृष्टिकोण वैश्विक स्तर पर बढा है।

श्री कौशल ने कहा कि एक समर्पित सिविल सेवक में अटूट समर्पण, तीव्र श्रवण कौशल, जिम्मेदारी की भावना, अपने कर्तव्य के प्रति दृढ़ निष्ठा, बुद्धिमत्ता और सबसे बढ़कर, निस्वार्थता की भावना जैसे अहम गुण होते है।

श्री कौशल ने इस बात पर बल दिया कि हरियाणा ने एक अभूतपूर्व पहल की है जिसमें निर्धारित समय सीमा के अन्दर सभी 300,000 कर्मचारियों को नैतिकता प्रशिक्षण प्रदान करने वाला हरियाणा अग्रणी राज्य होगा। इस परिवर्तनकारी प्रयास का उद्देश्य एक ऐसा प्रशासन   तैयार करना है जो न केवल चुस्त हो, बल्कि नागरिकों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उत्तरदायी, प्रभावी और बेहतर ढंग से सेवाएं देने वाला हो। उन्होंने सभी से इस परिवर्तन की अगुवाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को निभानेे का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि मिशन कर्मयोगी हरियाणा की शुरूआत होने से अधिकारियों के बीच व्यक्तिगत उत्कृष्टता को बढ़ावा मिलेगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी दक्षता में तेजी से विकास हो और उच्च गुणवत्ता वाली सार्वजनिक सेवा का वितरण करने में अग्रणीय हो।

श्री कौशल ने कहा कि इस व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम में न केवल अधिकारियों की सैद्धांतिक समझ को समृद्ध किया जाएगा बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वे अपनी भूमिकाओं में अपने ज्ञान को प्रभावी ढंग से लागू कर सकें, जिससे वे प्रशासनिक और सुशासन क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला में अच्छी तरह से तैयार और कुशल हो सकेंगे।

हिपा की महानिदेशक सुश्री चंद्रलेखा मुखर्जी ने कहा कि इन एचसीएस अधिकारियों को हिपा, गुरुग्राम में एक कठोर प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजरना पड़ा। इस कार्यक्रम को सोच-समझकर तैयार किया गया था, जिसमें प्रशासनिक कर्तव्य, हाल ही में किए गए संवैधानिक संशोधन, राजस्व प्रबंधन, कानूनी मामले, स्थानीय व पंचायती शासन और मानवाधिकार सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल रही।

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुओं को जिला प्रशासन से जोड़ा गया, जिसमें उन्होंने जिलों के अन्दर व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया और अपनी सीख को वास्तविक परिदृश्यों में लागू कर सकेंगे। प्रशिक्षण प्रक्रिया लगातार पांच सप्ताह तक चली, जिसमें प्रशिक्षुओं को राजस्व-संबंधित कार्यों में गहन ज्ञान और व्यावहारिक कौशल से भरपूर करने पर विशेष ध्यान दिया गया। इस गहन प्रशिक्षण के बाद अधिकारियों को वास्तविक परिदृश्यों में व्यावहारिक और मूल्यवान अनुभव प्राप्त कर जिला प्रशासन में शामिल किया गया।

कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण भारत दर्शन की मनोरम यात्रा रही जिसमें अधिकारियों को आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल राज्यों में ले जाया गया। इस अभियान के दौरान प्रशिक्षुओं   द्वारा देखे गए संस्थानों के अनुरूप विशेष प्रशिक्षण मिला, जिससे उनकी विशेषज्ञता और ज्ञान में वृद्धि हुई।