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कृषि क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान करने वाले दो वैज्ञानिक भी सम्मानित

 

चंडीगढ़, 19 अक्टूबरः
पंजाब ने किसानों के कल्याण के लिए स्थापित किए गए कृषि बुनियादी ढांचा फंड (एआईएफ) के अंतर्गत सफलता हासिल करते हुए सबसे अधिक आवेदन मंज़ूर करने के लिए पूरे देश में से पहला स्थान हासिल किया है। इस उपलब्धि पर विभाग की टीम को बधाई देते हुए बाग़बानी मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने अपने दफ़्तर में पूरी विभागीय टीम सहित कृषि क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान करने वाले वैज्ञानिकों का सम्मान किया।
स्कीम सम्बन्धी और जानकारी देते हुए स. जौड़ामाजरा ने बताया कि पंजाब में कृषि बुनियादी ढांचा फंड स्कीम में 6040 करोड़ रुपए के प्रोजेक्टों के लिए 11,831 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनकी कर्ज़ राशि 3430 करोड़ रुपए बनती है। उन्होंने बताया कि 6854 प्रोजेक्टों के लिए 2006 करोड़ रुपए मंज़ूर किए जा चुके हैं जबकि 463 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट वैरीफ़िकेशन प्रक्रिया अधीन हैं।
बाग़बानी मंत्री ने बताया कि मंज़ूर किए गए 6854 प्रोजेक्टों के साथ पंजाब भारत में पहले नंबर पर है जबकि मध्य प्रदेश ने 6751 आवेदन के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है। इसी तरह महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश क्रमवार 4629 आवेदनों, 4569 आवेदनों और 2777 आवेदनों के साथ तीसरे, चौथे और पाँचवे स्थान पर हैं।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि अलॉट किए फंडों के प्रयोग में पंजाब 42.56 प्रतिशत फंडों का प्रयोग करके देश में तीसरे नंबर पर रहा। उन्होंने बताया कि पंजाब से इस स्कीम का लाभ लेने वाले अग्रणी ज़िलों में पटियाला, लुधियाना और संगरूर शामिल हैं। तीनों ज़िलों में पूरे राज्य से मंज़ूर कर्ज़े की रकम का लगभग एक तिहाई हिस्सा है। मंत्री ने बताया कि 30 सितम्बर को समाप्त हुई दूसरी वित्तीय तिमाही तक कुल 1571 करोड़ रुपए बाँटे गए, जो 30 जून, 2023 को ख़त्म हुई पहली तिमाही के मुकाबले 96.67 प्रतिशत अधिक है।
कैबिनेट मंत्री द्वारा इस स्कीम के क्रियान्वयन के लिए विभाग की टीम जिसमें नोडल अफ़सर सहायक डायरैक्टर डा. हरप्रीत सिंह, के.पी.एम.जी. (पी.एम.यू.) की टीम की तरफ से श्रीमती रवदीप कौर (टीम लीडर), युवराज सिंह औलख, मनी मित्तल और नित्या तिवारी (टीम मैंबर) को बढ़िया कारगुज़ारी के लिए सम्मानित किया गया।
बता दें कि कृषि बुनियादी ढांचा विकास फंड स्कीम के अंतर्गत कृषि और बाग़बानी फसलों की कटाई के बाद प्रबंधन और प्राइमरी प्रोसेसिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिए लाभार्थियों को 2 करोड़ रुपए तक के कर्ज़ों पर 3 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जाती है। इसके इलावा कर्ज़ों की क्रेडिट गारंटी फीस का भुगतान भी सरकार द्वारा किया जाता है। ए.आई.एफ स्कीम को अन्य सभी केंद्रीय और राज्य योजनाओं के साथ जोड़ा जा सकता है।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कृषि क्षेत्र में अहम अनुसंधान करने और किसानों के लिए लाभदायक स्कीमें बनाने वाले वैज्ञानिक डा. राकेश शारदा और डा. बी.वी.सी. महाजन को भी सम्मानित किया।
साइल एंड वाटर इंजीनियरिंग विभाग पी.ए.यू. लुधियाना के प्रमुख डा. राकेश शारदा ने पी.पी.पी. मोड के अधीन किसानों के लिए एक कनाल के पौली हाऊस की स्कीम तैयार की है और स्कीम के विभागीय नोडल अफ़सर सहायक डायरैक्टर डा. दलजीत सिंह गिल के साथ मिलकर साल 2022- 23 और 2023- 24 के दौरान पी.पी.पी. मोड के अधीन किसानों के लिए 49 पौली हाऊस लगवाए। फ़सल विभिन्नता को आगे लेकर जाने के लिए इस स्कीम के साथ धान की फ़सल लाने वाले किसान सिर्फ़ एक कनाल ज़मीन से एक एकड़ के करीब की आमदन ले रहे हैं। बाग़बानी विभाग ने किसानों के लिए एक ऐसा मॉडल तैयार कर दिखाया है जिससे किसान फ़सल विभिन्नता की ओर उत्साहित हुए हैं।
इसी तरह कैबिनेट मंत्री ने राज्य में सीधे मंडीकरण को उत्साहित करने के लिए किसानों के लिए आन-फार्म कोल्ड रूम स्कीम तैयार करने वाले डा. बी.वी.सी. महाजन, डायरैक्टर पी.एच.पी.टी.सी को भी सम्मानित किया।
विभाग द्वारा डा. महाजन की तकनीकी सलाह के साथ सैंटर आफ एक्सीलेंस फॉर वैजीटेबलज़, करतारपुर में एक प्रदर्शनी ऑन-फार्म कोल्ड रूम लगाया गया। दो-तीन साल टेस्टिंग के बाद इसकी सिफारिश पंजाब के किसानों के लिए की गई। बहुत कम बिजली खर्चे वाले कुल 91 कोल्ड रूम राज्य में लगाए गए हैं। किसानों द्वारा इस स्कीम को भरपूर समर्थन दिया गया है। यह कोल्ड स्टोर किसानों के खेतों/फार्म हाऊस पर बनाऐ गए जिससे किसान सीधे मंडीकरण की तरफ़ आ सकें। जो किसान सीधा मंडीकरण करते थे, उनकी रोज़मर्रा की बिक्री से अतिरिक्त सब्जियाँ वह इसमें स्टोर करके अगले दिन बेच सकते हैं। इस तरह यह स्टोर एक ट्रांज़िट स्टोर की तरह बहुत कामयाब रहा है।