दोषी सचिन बच्ची का है आपराधिक रिकॉर्ड, पंजाब पुलिस को था वांछित: ए.आई.जी. सन्दीप गोयल
चंडीगढ़, 18 अक्तूबर:
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सोच के अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए शुरु की गई मुहिम के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए, पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ( एजीटीएफ) ने खरड़ से लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के गुर्गे को गिरफ्तार कर राज्य में सनसनीखेज़ अपराधों को टालने में बड़ी सफलता दर्ज की है।
यह जानकारी देते हुए पंजाब के डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस ( डीजीपी) गौरव यादव ने बुधवार को यहाँ बताया कि काबू किये गए मुलजिम की पहचान हिसार के मांगली निवासी सचिन उर्फ बच्ची के तौर पर हुई है। पुलिस टीम ने उसके कब्ज़े से 4 पिस्तौल और 12 जिंदा कारतूस भी बरामद किये हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि ठोस सूचनाओं के आधार पर एडीजीपी प्रमोद बान की समूची निगरानी अधीन एजीटीएफ की पुलिस टीमों ने लान्डरां में चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजिज़ के गेट के पास से सचिन बच्ची को गिरफ़्तार किया है। उन्होंने आगे कहा कि गिरफ़्तार मुलजिम गिरोह के सदस्यों को लॉजिस्टिक्स सहायता और छुपने के ठिकाने मुहैया करवाने में शामिल था।
उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि उक्त मुलजिम और गिरोह के अन्य मैंबर अपने विदेशी हैंडलरों के इशारे पर सनसनीखेज़ अपराधों को अंजाम देने के लिए साजिश रच रहे थे।
अधिक विवरण साझे करते हुए सहायक इंस्पेक्टर जनरल ( एआईजी) एजीटीएफ सन्दीप गोयल ने बताया कि सचिन बच्ची का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है और वह पंजाब पुलिस को वांछित था। उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है और इस मॉडयूल से सम्बन्धित अन्य बरामदगियाँ और गिरफ़्तारियाँ होने की उम्मीद है।
इस सम्बन्धी थाना स्टेट क्राइम मोहाली में आम्र्स एक्ट की धारा 25 के अधीन एफआईआर नंबर 13 तारीख़ 17/10/23 को दर्ज की गई है।