आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेंगे जल्द मोबाईल 

 

चंडीगढ़, 12 अक्टूबर – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि 6 से 18 साल के बच्चों का परिवार पहचान पत्र से डाटा लेकर शिक्षा के लिए ट्रेकिंग की जाएगी ताकि मार्च 2024 तक स्कूलों में शत प्रतिशत एनरोलमेंट किया जा सके। इसके अलावा स्कूलों से ड्राप आउट कम करके ग्रेेडिंग लेवल अग्रणी तीन राज्यो में लाने के बेहतर प्रयास किये जाएगें।

        मुख्य सचिव आज अमृतसर में गृह मंत्री भारत सरकार की अध्यक्षता में हुई 31वीं नॉर्थ जोन काउंसिल बैठक में उठाए गए मामलों को लेकर शिक्षा व महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनन्द मोहन शरण, आयुक्त एवं सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती अमनीत पी कुमार, निदेशक सेकेण्डरी स्कूल डा. अशंज सिंह, डायरेक्टर एलीमेंटरी एजुकेशन श्री आर एस ढिल्लो, निदेशक महिला एवं बाल विकास श्रीमती मोनिका मलिक, विशेष सचिव प्रभजोत सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

        मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में बच्चों के शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए क्षमता निर्माण पर ओर अधिक सुधार करने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करने के साथ-साथ जिला स्तर पर समीक्षा एवं मॉनिटरिंग भी की जाएगी ताकि वांछित लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्कूलों से ड्रॉप आउट बच्चों की पहचान करके उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा में लाना, शिक्षकों का रेशनलाइजेशन, ग्रेडिंग सूचकांक का प्रदर्शन, शिक्षण के परिणाम एवं विधा समीक्षा केंद्र पर विस्तार से कार्य कर युवाओं को खेलों की तर्ज पर शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणीय बनाया जाएगा।

        श्री कौशल ने कहा कि सीनियर सेकेण्डरी के बाद स्कूल छोड़ने वाले युवाओं को उद्योगों में अप्रेंटिशिप पर लगाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा महत्वाकांक्षी योजना बनाई जा रही है ताकि उन्हें तकनीकी क्षेत्रों में निपुण करके रोजगार के काबिल बनाया जा सके। यह योजना बहुत ही कारगर होगी। औद्योगिक नगरी में हर साल 10 हजार अप्रेंटिशिप की आवश्यकता होती है।

        मुख्य सचिव ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से कम वजन वाले बच्चों और अधिक आयु के कम ऊंचाई वाले बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को पोष्टिक एवं गुणवतायुक्त आहार देने पर विशेष बल दिया जाए ताकि उनका संर्वागीण एवं चहुंमुखी विकास सम्भव हो सके।

        आयुक्त एवं सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती अमनीत पी कुमार ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नवम्बर माह के अंत तक मोबाईल उपलब्ध करवाए जाएगें तथा जनवरी 2024 में पोषण जागृति माह मनाया जाएगा। उस दौरान कार्यकर्ताओं के माध्यम से बच्चों को दिए जा रहे प्रोटीनयुक्त आहार का प्रतिदिन डाटा लेकर उसकी निगरानी की जाएगी। इसके अलावा बच्चों का ग्रेडिंग लेवल बनाने के लिए बेहतर एसओपी बनाई जाएगी जिसमें आंगनबाड़ी केन्द्र व स्कूलों में दिए जा रहे आहार बारे जिला स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों की चैंकिग सुनिश्चित की जाएगी।

        उन्होंने कहा कि वर्तमान में दिए जाने वाले आहार में एनर्जी, प्रोटीन, न्यूट्रिशन, मशरूम, सोया आदि   शामिल करने की आवश्यकता है जिससे बच्चों का सही विकास संभव हो सके। चरखी दादरी, झज्जर, गुरुग्राम व सोनीपत जिले में जन्म से 5 वर्ष आयु के बच्चों का पोषण ट्रैकर ग्रोथ मॉनिटरिंग राज्य स्तर पर अव्वल है। इसे पूरे राज्य में बनाने के लिए सकारात्मक एवं ठोस प्रयास किए जाएगें। इसके लिए पोषण ट्रैकर पर नियमित रूप फोकस किया जाएगा तथा आईईसी गतिविधियों को भी बढ़ाया जाएगा।