पूरे राज्य में व्यापक सड़क सुरक्षा उपाय लागू

 

चंडीगढ़, 4 अक्टूबर- हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि आईआईटी मद्रास के सहयोग से केंद्र सरकार के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रोड सेफ्टी (सीओईआरएस) के साथ सड़क सुरक्षा में सर्वाेत्तम     सिस्टम विकसित करने और डाटा ड्रिवन इंटरवेंशंस  कर जनता को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए हरियाणा में एक विशेष परियोजना शुरू की जाएगी।

मुख्य सचिव ने आज यहां हरियाणा में सड़क सुरक्षा हस्तक्षेप के कार्यान्वयन के लिए प्रारंभिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के मूल्यांकन के लिए हरियाणा समेत सात राज्यों को चुना गया है। इन राज्यों में लागू किए जाने वाले सड़क सुरक्षा हस्तक्षेप में व्यापक स्तर पर विभिन्न प्रकार के सड़क सुरक्षा उपाय शामिल किए जाएगें।

इनमें   वाहन की प्रभावी गति कम करने के उपाय, व्यापक सड़क सुरक्षा सर्वेक्षण, व्यवहार निगरानी, चौड़ाई का मूल्यांकन, संरचित दुर्घटना जांच, अभिनव प्रवर्तन, जागरूकता कार्यक्रम और ट्रॉमा सेंटर की वृद्धि करना शामिल है।

श्री कौशल ने कहा कि हरियाणा में सड़कों पर जीवन बचाने और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से परिवर्तनकारी परियोजनाओं की एक श्रृंखला पर कार्य शुरू किया जा रहा है। सड़क एजेंसियों और संबंधित विभाग हितधारकों के लिए व्यापक स्तर पर मूल्यांकन करने का कार्य कर रहे हैं।

मुख्य सचिव ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए 112 तत्काल प्रतिक्रिया हेल्पलाइन के साथ राज्य सरकार के एम्बुलेंस के एकीकरण पर प्रकाश डाला। दुर्घटना रोगियों को चिकित्सा सुविधाओं के साथ त्वरित परिवहन की सुविधा के लिए 670 एम्बुलेंस के साथ 112 हेल्पलाइन के साथ एकीकृत किया गया है। राज्य के कुछ अस्पतालों में स्वचालित पंजीकरण इस प्रक्रिया में तेजी ला रहा हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि गंभीर परिस्थितियों में समय बर्बाद न हो।

श्री कौशल ने कहा कि राज्य में विशेष रूप से दुर्घटनाग्रस्त रोगियों को स्वास्थ्य देखभाल पहुंच बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है। भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार जिलों में आयुष्मान भारत अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा देखभाल केंद्र स्थापित किए हैं। जिनका  उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुर्घटनाग्रस्त रोगियों को आवश्यक चिकित्सा उपचार के लिए 50 किलोमीटर से अधिक की यात्रा न करनी पडे़। हरियाणा में नागरिकों को व्यापक स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए जिला अस्पतालों को बेहतर देखभाल सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। यह पहल आयुष्मान भारत कार्यक्रम के साथ जुड़ी हुई हैं जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ी है। राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा और जागरूकता विषयों को शामिल किया है। विशेष रूप से 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को सड़कों पर स्वतंत्र और जिम्मेदार नागरिक के रूप में व्यवहार के बारे शिक्षित किया जा रहा है।

श्री कौशल ने ब्लैक स्पॉट और आकस्मिक ब्लैक स्पॉट की पहचान करने और उनमें समग्र सुरक्षा सुधार करने पर बल दिया। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के युवा स्वयंसेवकों का दल लोगों को प्रशिक्षित करने, जागरूकता फैलाने और सड़क सुरक्षा बढ़ाने की योजना पर भी काम  किया जा रहा है।

मुख्य सचिव ने कहा कि सड़क सुरक्षा उपायों का सीधा प्रभाव नागरिकों के जीवन और समग्र कल्याण से जुड़ा हुआ है। हरियाणा में महत्वपूर्ण सड़क सुरक्षा उपायों को लागू करने के उद्देश्य से सुदृढ़  अभियान शुरू करने का यह सामूहिक प्रयास है। इस पहल से सड़कों पर होने वाली न केवल अनगिनत जिंदगियों की सुरक्षा सम्भव होगी, बल्कि पीड़ा भी कम होगी है।

मुख्य सचिव ने कहा कि इस अभियान को कार्यान्वयन करने का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2030 तक सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को 50 प्रतिशत तक कम करना और वर्ष 2040 तक शून्य मृत्यु दर हासिल करने के लिए काम करना है। डाटा ड्रिवन  नीतियां पूरी परिवहन प्रणाली के माध्यम से आपातकालीन देखभाल और शिक्षा, इंजीनियरिंग आदि में बदलाव करती हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में हरियाणा में 11,115 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज हुई जिसमें कुल 5,021 सड़क दुर्घटनाएं दुखद हुईं। इनमें से लगभग 75.49 प्रतिशत   दुर्घटनाओं में से 52.46 प्रतिशत दुर्घटनाएं राजमार्गों पर यातायात उल्लंघनों के कारण हुईं।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा, श्री सुधीर राजपाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग, डॉ. जी अनुपमा, आयुक्त और सचिव यूएलबी, श्री विकास गुप्ता, सीओईआरएस प्रमुख प्रोफेसर वेंकटेश बालासुब्रमण्यम, पीडब्ल्यूडी बी एंड आर, एचएसवीपी, एचएसआईआईडीसी पुलिस, के अन्य वरिष्ठ अधिकारी , राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, और सड़क परिवहन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।