भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का, तो वहीं गुरू जम्भेश्वर ने प्रकृति के संरक्षण का दिया संदेश – मुख्यमंत्री
चंडीगढ़, 7 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने जन्माष्टमी के अवसर तथा गुरू जम्भेश्वर महाराज के 572वें अवतरण दिवस पर गुरू जंभेश्वर मंदिर, हिसार में आयोजित समारोह में मुख्यातिथि संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति भगवान का रूप है, इसलिए इसका संरक्षण करना हमारी सामूहिक जिम्मेवारी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय चौधरी भजन लाल की प्रतिमा का अनावरण भी किया।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने गीता, कर्म की महता और धर्म की विजय का संदेश मानवजाति को दिया, उसी प्रकार गुरू जम्भेश्वर भगवान ने 16वीं सदी में प्रकृति को बचाने, पर्यावरण व वनस्पति के महत्व का संदेश देकर समाज में जागृति पैदा की।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि गुरू जम्भेश्वर महाराज का प्रकृति के संरक्षण के संदेश की कोविड-19 के दौरान विशेषता महसूस की गई, जब ऑक्सीजन की कमी हो गई। संत महात्मा ने अपने–अपने तरीके से जो संदेश दिए थे, वे उस समय भी प्रासंगिक थे और आज भी हैं। प्रकृति के कारण ही जीवन बचेगा। आज हम अपने उपयोग के लिए जंगलों को तो काट रहे हैं, परंतु हमें पेड़ों को बचाने की भी चिंता करनी चाहिए। प्रकृति भगवान का रूप है। भूमि, वायु, अग्रि, नीर व गगन इन पांच शब्दों से ही प्रकृति बनी है, इसलिए आज का दिन विशेष महत्व का दिन है। भगवान श्री कृष्ण व गुरू जम्भेश्वर दोनों के अवतरण दिवस पर हमें प्रकृति के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि महापुरूषों का उत्सव हमें उत्साह से भरता है। युवा पीढ़ी को महापुरूषों की शिक्षाओं व जीवनी के बारे जागरूक करने के लिए ऐसे उत्सव का महत्व बढ़ जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेजड़ी पेड़ व हिरण की रक्षा के लिए बिश्रोई समाज ने कुर्बानी दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजन लाल को याद करते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि कुछ लोग आज उनका नाम भी चौधरी भजन लाल के साथ जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि श्री भजन लाल ने बिना भेदभाव के पूरे हरियाणा का एक सामान विकास करवाया था और वे स्वयं भी हरियाणा एक–हरियाणवी एक के मूलमंत्र पर चलते हुए सभी विधानसभाओं में एक सामान विकास कार्य करवा रहे हैं।