पंजाब सरकार द्वारा सड़क हादसे के पीड़ितों का पहले 48 घंटों के दौरान किया जायेगा मुफ़्त इलाज
चंडीगढ़, 5 सितम्बरः
सड़क हादसों के पीड़ितों की कीमती जानें बचाने के मद्देनज़र ‘गोल्डन आवर’ के सुयोग्य प्रयोग करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने ‘फ़रिश्ते स्कीम’ के हिस्से के तौर पर हादसे के पहले 48 घंटों के दौरान सभी सड़क हादसों पीड़ितों का मुफ़्त इलाज करने का फ़ैसला किया है। ‘गोल्डन आवर’ सड़क दुर्घटना के बाद पहला महत्वपूर्ण घंटा होता है, जिस दौरान यदि किसी गंभीर रूप में ज़ख्मी व्यक्ति को अपेक्षित देखभाल दी जाये तो उसके बचने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
यह जानकारी देते हुये पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाः बलबीर सिंह ने आज कहा, “चाहे व्यक्ति कहीं का भी रहने वाला हो, पंजाब सरकार द्वारा सड़क दुर्घटना के सभी पीड़ितों के साथ एक ही समान व्यवहार किया जायेगा और हादसे के पहले 48 घंटों के दौरान निजी अस्पतालों सहित पास के अस्पतालों में मुफ़्त इलाज को यकीनी बनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि पहले 48 घंटों में करवाए इलाज का सारा खर्चा सरकार द्वारा अदा किया जायेगा।
डाः बलबीर सिंह यहाँ मगसीपा में लीड एजेंसी आन रोड सेफ्टी द्वारा करवाये गये सड़क सुरक्षा के बारे दो दिवसीय वर्कशाप और ट्रेनिंग के उद्घाटनी सैशन को संबोधन कर रहे थे। उनके साथ लीड एजेंसी आन रोड सेफ्टी के डायरैक्टर जनरल आर. वेंकट. रत्नम्, एडीजीपी ट्रैफ़िक अमरदीप सिंह राय और स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिशनर मोनीश कुमार भी मौजूद थे।
आगामी प्रमुख ‘फ़रिश्ते स्कीम’, जोकि अंतिम पड़ाव पर है, के बारे और जानकारी देते हुये स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सड़क हादसे के पीड़ित को इलाज के लिए अस्पताल लेजाने वाले व्यक्ति को सम्मान पत्र और 2000 रुपए से सम्मानित किया जायेगा। सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को अस्पताल लेकर आने वाले व्यक्ति से अस्पताल अधिकारी या पुलिस की तरफ से, तब तक कोई पूछताछ नहीं की जायेगी जब तक वह ख़ुद अपनी मर्ज़ी से चश्मदीद गवाह नहीं बनना चाहता।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से एक सिस्टम भी स्थापित किया जा रहा है जिसके अंतर्गत सरकारी और प्राईवेट सहित सभी ऐंबूलैंसों को ओला/ उबर की तरह आपस में जोड़ा जायेगा जिससे एमरजैंसी के समय लोग 15 मिनट या इससे भी कम समय में एंबुलेंस की सेवाएं ले सकें। उन्होंने आगे कहा कि हम राज मार्गों पर स्थित सरकारी अस्पतालों की भी शिनाख़्त कर रहे हैं जिससे मज़बूत क्रिटीकल केयर यूनिटों की स्थापना करके लोग सरकारी स्वास्थ्य सहूलतों पर विश्व स्तरीय इलाज सहूलतों का लाभ ले सकें।
स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों को ‘एंबुलेंस को रास्ता देने’ और अपने वाहनों में हमेशा ‘ फस्ट ऐड किट’ रखने की भी अपील की क्योंकि यह छोटी सी पहल किसी की जान बचा सकती है।
लीड एजेंसी के डायरैक्टर जनरल आर. वेंकट. रत्नम् ने अपने स्वागती भाषण में राज्य में सड़कों पर सुरक्षित सड़कें, सड़क पर चलाने योग्य वाहनों और सही ढंग से ट्रेनिंग प्राप्त ड्राइवरों की ज़रूरत पर ज़ोर दिया क्योंकि यह किसी भी सड़क सुरक्षा के लिए ज़रूरी शर्तें हैं। उन्होंने एक ऐसा तंत्र विकसित करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया जो सभी दुर्घटना पीड़ितों को तुरंत एमरजैंसी देखभाल प्रदान कर सके।
उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा परिषद ट्रॉमा केयर डॉक्टरों और पैरा-मैडीकल स्टाफ को ट्रेनिंग देने के लिए पीजीआइ के साथ समझौता करेगी।
ए. डी. जी. पी अमरदीप सिंह राय ने कहा कि पंजाब ‘सड़क सुरक्षा बल-सड़क सुरक्षा को समर्पित विशेष टीम’ की शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य बनने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसके अंतर्गत नये हाई-टेक वाहन मुहैया करवाए जाएंगे और पुलिस कर्मचारियों के लिए अलग वर्दी तैयार की गई है। उन्होंने कहा, “हमें पूरी आशा है कि राज्य सरकार की यह बड़ी पहलकदमी कीमती जानें बचाने में सहायक होगी।”
इस दौरान राज्य के ट्रांसपोर्ट कमिशनर मोनीश कुमार ने वर्कशाप में उपस्थित लोगों को मास्टर ट्रेनर बनने और इस दो दिवसीय वर्कशाप में सीखी बातों को आम लोगों में फैलाने के लिए प्रेरित किया।
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