मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों को बीमारी-मुक्त रखने के लिए कोशिशें तेज़


चंडीगढ़, 24 जुलाईः

पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों को बीमारियों से मुक्त रखने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से जारी निर्देशों को मद्देनज़र रखते हुए विभिन्न कदम उठाये जा रहे हैं। जिन इलाकों में बाढ़ का पानी उतर गया है वहाँ ज़िला प्रशासन की तरफ से फोगिंग करवाई जा रही है और लोगों की स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की हिदायतें जारी की गई हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमों से तरफ से ख़ास स्वास्थ्य चैक अपना कैंप लगाए जा रहे हैं और साफ़- सफ़ाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह की तरफ से लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर डिप्टी कमिशनर और ज़िला अधिकारियों के साथ मीटिंगों करके मुख्यमंत्री की तरफ से जारी निर्देशों के बारे बताया जा रहा है। पंजाब सरकार डेंगू और गंदे पानी से फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रही है।

लोगों के स्वास्थ्य को मद्देनज़र रखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रियता से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं। इस समय पर 444 रैपिड रिस्पांस टीमें कार्यशील हैं जबकि मैडीकल कैंपों की संख्या 208 है। एक दिन में 5543 ओपीडी है।

पशु पालन विभाग ने भी टीकाकरण मुहिम में तेज़ी लाई है। 23 जुलाई को बाढ़ के कारण बीमार हुए 1606 पशुओं का जहाँ इलाज किया गया वहीं 1920 पशुओं का टीकाकरण किया गया है।

उधर मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों पर 27286 बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। राज्य में कुल 171 राहत कैंप चल रहे हैं जिनमें 1867 लोग रह रहे हैं। फिलहाल सबसे ज़्यादा 38 राहत कैंप जालंधर ज़िले में हैं।

एक प्रवक्ता ने बताया कि 19 ज़िले बाढ़ से प्रभावित हैं जबकि 1469 गाँव बाढ़ प्रभावित हैं। अलग- अलग ज़िलों में से माल विभाग को मिली रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में बाढ़ के कारण अब तक कुल 41 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 19 व्यक्ति ज़ख्मी हुए हैं।

उन्होंने आगे जानकारी देते हुये बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सूखे फूड पैकटों का लगातार वितरण किया जा रहा है। अलग-अलग ज़िलों से मिली जानकारी अनुसार बाढ़ के कारण 357 घरों को पूर्णतः या बड़ा नुकसान पहुँचा है जबकि 741 घर आंशिक रूप में क्षतिग्रस्त हो गये हैं।