मुख्यमंत्री ने ड्यूटी निभाते हुये और विभिन्न हादसों में जान गंवाने वाले पुलिस मुलाजिमों के वारिसों को 2 करोड़ रुपए के चैक सौंपे


चंडीगढ़, 3 जुलाईः
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ड्यूटी निभाते समय शहीदी प्राप्त करने वाले और दुर्घटना में जान गंवाने वाले पुलिस मुलाजिमों के वारिसों को 2 करोड़ रुपए के चैक सौंपे। मुख्यमंत्री ने उनके बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए 12 लाख रुपए (प्रति बच्चा 4 लाख रुपए) के चैक सौंपे।
मुख्यमंत्री ने जालंधर में ड्यूटी के दौरान शहीदी प्राप्त करने वाले ए. एस. आई संजीव कुमार के परिवार को एक करोड़ रुपए का चैक सौंपा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ए. एस. आई परनाम सिंह और ए. एस. आई गुरलाल सिंह के वारिसों को 50-50 लाख रुपए के चैक सौंपे जिनकी विभिन्न हादसों में मौत हो गई थी। गौरतलब है कि ए. एस. आई. संजीव कुमार को एक बलेरो गाड़ी ने उस समय पर टक्कर मार दी जब वह जालंधर में सख़्त सुरक्षा वाले वी. वी. आई. पी. के दौरे के दौरान वाहनों की जांच कर रहा था। इसी तरह ए. एस. आई. परनाम सिंह और गुरलाल सिंह की भी विभिन्न दुर्घटनाओं के कारण मौत हो गई थी।
परिवारों के साथ बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास राज्य में अमन-कानून कायम रखने और अपनी ड्यूटी निभाने के दौरान पुलिस मुलाजिमों के कीमती योगदान का सम्मान है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार का फर्ज बनता है कि वह इन बहादुर जवानों के परिवारों की मदद करे और उनकी भलाई यकीनी बनाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पुलिस मुलाजिमों के परिवारों को वित्तीय सहायता राज्य सरकार की बहादुर सैनिकों और उनके परिवारों की भलाई को यकीनी बनाने की वचनबद्धता के अंतर्गत है। उन्होंने आशा अभिव्यक्त की कि राज्य की तरफ से किया गया यह विनम्र सा प्रयास एक तरफ़ पीड़ित परिवारों की मदद करने और दूसरी तरफ़ उनके भविष्य को सुरक्षित करने में सहायक सिद्ध होगा। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार पुलिस मुलाजिमों और उनके परिवार की भलाई के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
इस दौरान पुलिस मुलाजिमों के परिवारों ने भी मुख्यमंत्री का उनके हितों की सुरक्षा करने के लिए तह-ए-दिल से धन्यवाद किया। उन्होंने भगवंत मान की इस नेक प्रयास के लिए सराहना की जो उनके भविष्य को सुरक्षित करनं में अहम भूमिका निभाएगा।
इस मौके पर पुलिस डायरैक्टर जनरल गौरव यादव, स्पैशल डी. जी. पी. ईश्वर सिंह और अन्य भी मौजूद थे।